शिवसेना (यूबीटी) के नेता अनिल परब को ‘दंडात्मक कार्रवाई’ से मिली अंतरिम सुरक्षा 23 मार्च तक बढ़ाई गई |

शिवसेना (यूबीटी) के नेता अनिल परब को ‘दंडात्मक कार्रवाई’ से मिली अंतरिम सुरक्षा 23 मार्च तक बढ़ाई गई

शिवसेना (यूबीटी) के नेता अनिल परब को ‘दंडात्मक कार्रवाई’ से मिली अंतरिम सुरक्षा 23 मार्च तक बढ़ाई गई

:   Modified Date:  March 20, 2023 / 05:15 PM IST, Published Date : March 20, 2023/5:15 pm IST

मुंबई, 20 मार्च (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज धनशोधन मामले में शिवसेना नेता (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) को नेता अनिल परब को ‘दंडात्मक कार्रवाई’ से मिले अंतरिम संरक्षण की अवधि सोमवार को 23 मार्च तक बढ़ा दी है।

यह मामला महाराष्ट्र के तटीय रत्नागिरि जिले के दापोली में एक रिसॉर्ट से जुड़ी कथित अनियमितताओं से संबंधित है।

राज्य के पूर्व मंत्री परब ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर धनशोधन मामले को रद्द करने और गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान करने का अनुरोध किया था।

14 मार्च को, न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे की अध्यक्षता वाली पीठ ने उनकी याचिका को 20 मार्च को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया था। अदालत ने ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) अनिल सिंह द्वारा दिए गए मौखिक आश्वासन को स्वीकार कर लिया था कि तब तक परब के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।

सोमवार को न्यायमूर्ति डेरे की अध्यक्षता वाली पीठ उपलब्ध नहीं थी, जिसके बाद परब के वकील अमित देसाई ने न्यायमूर्ति जी.एस. कुलकर्णी की अध्यक्षता वाली एक अन्य खंडपीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया।

देसाई ने अनुरोध किया कि दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम संरक्षण को कुछ और दिन के लिए बढ़ाया जाए।

एएसजी सिंह ने कहा कि उनके पहले के मौखिक आश्वासन को 23 मार्च तक जारी रखा जा सकता है।

पीठ ने सिंह के आश्वासन को स्वीकार कर लिया और मामले को बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति डेरे की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

ईडी के मुताबिक, पुणे के निवासी विभास साठे ने 2011 में रत्नागिरि जिले के दापोली में कृषि भूमि खरीदी थी। उन्होंने 2017 में परब को 1.80 करोड़ रुपये में जमीन बेच दी, हालांकि बिक्रीनामा 2019 में किया गया।

ईडी ने दावा किया कि सौदे की कुल राशि में से 80 लाख रुपये का भुगतान नकद में किया गया था, जिसे परब की ओर से परब के सहयोगी सदानंद कदम ने साठे को सौंपा था।

इसके बाद, दापोली में उक्त भूखंड पर साई रिजॉर्ट का निर्माण किया गया और परब ने इसे कदम को बेच दिया।

ईडी ने आरोप लगाया कि परब और कदम ने साठे को भूमि उपयोग को कृषि से गैर-कृषि में बदलने के लिए एक आवेदन दिया था।

एजेंसी ने कहा, “कदम ने राजस्व विभाग के अधिकारियों पर दबाव डाला था और 12 सितंबर, 2017 को अवैध अनुमति प्राप्त की थी।”

ईडी के अनुसार, इसके अलावा कदम ने परब की मिलीभगत से साई रिजॉर्ट का निर्माण कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया।

भाषा जोहेब मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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