पुणे के निलंबित तहसीलदार का पार्थ पवार सौदे से नहीं है संबंध :कांग्रेस

पुणे के निलंबित तहसीलदार का पार्थ पवार सौदे से नहीं है संबंध :कांग्रेस

पुणे के निलंबित तहसीलदार का पार्थ पवार सौदे से नहीं है संबंध :कांग्रेस
Modified Date: November 6, 2025 / 10:28 pm IST
Published Date: November 6, 2025 10:28 pm IST

मुंबई, छह नवंबर (भाषा) कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि पुणे जिले के निलंबित तहसीलदार का उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के बेटे पार्थ से संबद्ध एक कंपनी से जुड़े विवादास्पद भूमि सौदे से कोई संबंध नहीं है।

सपकाल ने दावा किया कि तहसीलदार सूर्यकांत येवाले को पुणे जिले के बोपोडी में सरकारी स्वामित्व वाली भूमि, जो मूल रूप से ‘कृषि डेयरी विभाग’ के लिए आरक्षित थी, को कथित तौर पर एक निजी व्यक्ति को हस्तांतरित करने के लिए निलंबित कर दिया गया है।

एक एक्स पोस्ट में उन्होंने येवाले के निलंबन के संबंध में राजस्व विभाग के आदेश को टैग किया और कहा कि यह अमाडिया एंटरप्राइजेज वाले मामले से जुड़ा नहीं है।

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यह पार्थ पवार से जुड़ी वही कंपनी है, जो पुणे के मुंधवा क्षेत्र में सरकारी भूमि के 300 करोड़ रुपये के विवादास्पद सौदे के केंद्र में है।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि बोपोडी भूमि मामले से ध्यान हटाने के लिए यह गलत सूचना फैलाई जा रही है कि येवाले को अमाडिया भूमि मामले के सिलसिले में निलंबित कर दिया गया है।

प्रारंभिक जानकारी का हवाला देते हुए, सपकाल ने कहा कि पुणे निवासी शीतल तेजवानी ने मुंधवा में सरकारी ज़मीन बेचने के लिए कथित तौर पर जाली दस्तावेज़ तैयार किए और राज्य के साथ धोखाधड़ी की।

उन्होंने न केवल तेजवानी, बल्कि ज़मीन खरीदने वाली अमाडिया के खिलाफ भी आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की।

सपकाल ने कहा कि सिर्फ़ कनिष्ठ अधिकारियों को निलंबित करना पर्याप्त नहीं है।

उन्होंने कहा कि अमाडिया मामले में विक्रेता और क्रेता, दोनों पर सरकार के साथ धोखाधड़ी करने और दस्तावेज़ों में हेराफेरी करने का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

इस बीच, पुणे जिला कलेक्ट्रेट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि येवाले पार्थ पवार से जुड़ी फर्म से जुड़े भूमि सौदे में भी जांच के दायरे में हैं। येवाले एक अन्य मामले में पहले से ही निलंबित हैं,

भाषा राजकुमार माधव

माधव


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