तेदेपा सरकार ने अत्यधिक बिजली शुल्क लगाकर लोगों को झटका दिया है: वाईएस शर्मिला

तेदेपा सरकार ने अत्यधिक बिजली शुल्क लगाकर लोगों को झटका दिया है: वाईएस शर्मिला

तेदेपा सरकार ने अत्यधिक बिजली शुल्क लगाकर लोगों को झटका दिया है: वाईएस शर्मिला
Modified Date: August 5, 2025 / 01:40 pm IST
Published Date: August 5, 2025 1:40 pm IST

अमरावती, पांच अगस्त (भाषा) आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष वाई. एस. शर्मिला ने मंगलवार को आरोप लगाया कि तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने बिजली बिल में कोई बढ़ोतरी नहीं करने के अपने वादे से मुकरते हुए लोगों को अत्यधिक बिजली शुल्क लगाकर झटका दिया है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि बिजली का बढ़ा हुआ शुल्क आम लोगों की जेब पर भारी पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि 17,000 करोड़ रुपये का बोझ पहले ही डाला जा चुका है।

शर्मिला ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘बिजली शुल्क नहीं बढ़ाने का वादा करने के बावजूद बाबू (चंद्रबाबू नायडू) लगातार झटके दे रहे हैं। आप लोगों पर बोझ डाल रहे हैं और पहले ही 17,000 करोड़ रुपये का बोझ डाल चुके हैं।’’

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शर्मिला ने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि यह बोझ काफी नहीं है और मुख्यमंत्री बिजली शुल्क के रूप में लोगों पर 12,000 करोड़ रुपये और थोपने की योजना बना रहे हैं।

शर्मिला के अनुसार, लोगों पर अत्यधिक बिजली शुल्क लगाने के मामले में नायडू युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी के ‘नक्शे कदम’ पर चल रहे हैं।

उन्होंने याद दिलाया कि राजग गठबंधन ने 2024 के चुनाव से पहले वादा किया था कि अगर गठबंधन जीतता है तो ‘बिजली दरों में एक रुपये की भी बढ़ोतरी नहीं होगी’ और यह भी वादा किया था कि ‘बिजली दरों को 30 प्रतिशत कम किया जाएगा’।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा,‘‘हालांकि, सत्ता संभालने के 14 महीनों के भीतर वे 30,000 करोड़ रुपये के समायोजन शुल्क का बोझ डाल रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि नायडू ने बिजली शुल्क के मामले में लोगों की ‘पीठ में छुरा घोंपा’ है।

उन्होंने सरकार से यह सुनिश्चित करने की मांग की कि 12,000 करोड़ रुपये का बिजली शुल्क का बोझ लोगों पर न पड़े और उन्होंने इसे सरकार द्वारा वहन करने की सलाह दी।

उन्होंने नायडू से बिजली शुल्क में की गई पिछली बढ़ोतरी को वापस लेने की भी मांग की, जिससे लोगों पर 17,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा था।

भाषा सुरभि नरेश

नरेश


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