ठाणे की अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी आरपीएफ कांस्टेबल को बरी किया

ठाणे की अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी आरपीएफ कांस्टेबल को बरी किया

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  • Publish Date - August 6, 2024 / 03:12 PM IST,
    Updated On - August 6, 2024 / 03:12 PM IST

ठाणे, छह अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक विशेष सीबीआई अदालत ने 2007 के रिश्वत मामले में आरोपी रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के एक कांस्टेबल को उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत न होने का हवाला देते हुए बरी कर दिया।

विशेष सीबीआई न्यायाधीश अमित एम. शेटे ने मंगलवार को दिये अपने आदेश में कहा कि अभियोजन संतोष गुलाबराव लांबाटे (53) के खिलाफ आरोप साबित करने में विफल रहा है, इसलिए उन्हें संदेह का लाभ मिलना चाहिए।

एक अन्य आरोपी राम अधार यादव की मृत्यु हो जाने के कारण उसके खिलाफ मामला बंद कर दिया गया।

विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि रेलवे की सामग्री चोरी करने और उन्हें बेचने के आरोप में जुलाई 2007 में भयंदर आरपीएफ ने कबाड़ के एक कारोबारी के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

लांबाटे ने कारोबारी से संपर्क कर उसे रेलवे अदालत की ओर से जारी वारंट के बारे में बताया। वह उसे रेलवे पुलिस थाने ले गया और मामले को सुलझाने के लिए 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगी।

अभियोजक ने बताया कि आखिरकार 5,500 रुपये पर सहमति बनी थी, जिसके बाद कारोबारी ने भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) से संपर्क किया था।

अदालत ने कारोबारी की अवैध गतिविधियों की पृष्ठभूमि रहने के बावजूद आरपीएफ कांस्टेबल के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का रुख करने के असमान्य व्यवहार पर गौर किया।

भाषा यासिर सुभाष

सुभाष