चंद्रपुर वन क्षेत्र में छह लोगों को मारने वाले नरभक्षी बाघ को दो महीने के अभियान के बाद पकड़ा गया |

चंद्रपुर वन क्षेत्र में छह लोगों को मारने वाले नरभक्षी बाघ को दो महीने के अभियान के बाद पकड़ा गया

चंद्रपुर वन क्षेत्र में छह लोगों को मारने वाले नरभक्षी बाघ को दो महीने के अभियान के बाद पकड़ा गया

:   Modified Date:  April 30, 2024 / 03:38 PM IST, Published Date : April 30, 2024/3:38 pm IST

चंद्रपुर, 30 अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में पिछले दो महीनों में छह लोगों को मारने वाले नौ वर्षीय बाघ को पिंजरे में बंद कर दिया गया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि आस-पास के गांवों में आतंक मचाने वाले इस आदमखोर बाघ को पकड़ने के लिए दो महीने तक चला अभियान सफल रहा।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि नरभक्षी बाघ को आखिरकार सोमवार रात को करवा-बल्लारपुर वन क्षेत्र में पकड़ कर पिंजरे में बंद कर दिया गया।

अधिकारी ने बताया कि बाघ ने पिछले दो महीनों में सेंट्रल चंदा संभाग में चार लोगों को जबकि चंद्रपुर संभाग में दो अन्य लोगों को मार डाला था।

सेंट्रल चंदा संभाग की उप वन संरक्षक (डीसीएफ) श्वेता बोड्डू ने बताया, ‘‘मानव-बाघ संघर्ष के मद्देनजर वन क्षेत्र में ग्रामीण दहशत में जी रहे थे, जिसके चलते वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए एक टीम गठित की थी।’’

उन्होंने बताया कि आदमखोर बाघ को पकड़ने का अभियान पिछले दो महीने से जारी था ।

उन्होंने बताया, ‘‘बाघ के अधिक सतर्क होने के कारण उसे पकड़ना मुश्किल हो गया था। लेकिन दृढ़ता और धैर्य के साथ वन विभाग ने सोमवार रात को करवा-बल्लारपुर वन क्षेत्र में बाघ को पिंजरे में बंद करके अभियान में सफलता प्राप्त की ।’’

तेंदू पत्ता संग्रहण सत्र शुरू होने से पहले इस बाघ को पिंजरे में बंद करना वन विभाग के कर्मियों और सेंट्रल चंदा प्रभाग के ग्रामीणों के लिए बड़ी राहत की बात है।

डीसीएफ ने कहा, ‘‘वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर बाघ के बारे में आगे की कार्रवाई की जाएगी।’’

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि आमतौर पर इस तरह के बाघों को नागपुर के चिड़ियाघर में भेज दिया जाता है और उसे फिर से जंगल में नहीं छोड़ा जाता।

भाषा रंजन मनीषा

मनीषा

 

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