मुंबई, 31 अक्टूबर (भाषा) सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार समूह) के दो विधायकों समेत तीन विधायकों ने मंगलवार को दक्षिण मुंबई स्थित राजभवन के बाहर प्रदर्शन किया और मराठा आरक्षण के मुद्दे के समाधान के लिए विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाने की मांग की।
राकांपा (अजित पवार समूह) के विधायक नीलेश लंके एवं राजू नवघरे और विपक्षी शिवसेना (यूबीटी) विधायक कैलास पाटिल पहले मंत्रालय (राज्य सचिवालय) के निकट महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास आरक्षण की मांग के समर्थन में धरने पर बैठे और बाद में राजभवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
बाद में विधायकों को राजभवन के अंदर बुलाया गया जहां उन्होंने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की।
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए लंके ने कहा, “राज्यपाल ने हमें सूचित किया कि उन्होंने राज्य की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की है। हमने उनसे राज्य विधानमंडल का एक दिवसीय सत्र बुलाने का अनुरोध किया ताकि सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थान में मराठा समुदाय को आरक्षण देने वाला विधेयक प्रस्तुत कर पारित किया जा सके।”
मराठों को आरक्षण देने की उनकी मांग पर बैस की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “राज्यपाल ने हमें बताया कि वह इस मुद्दे के संबंध में राष्ट्रपति से बात करेंगे। उन्होंने (आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसक) घटनाओं और राज्य की वर्तमान स्थिति के बारे में भी जानकारी ली।”
विधायक ने कहा कि वे आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए उपमुख्यमंत्री अजित पवार से भी मिलेंगे। मराठा समुदाय के सदस्यों ने आरक्षण को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया है।
लंके ने कहा, “ राज्यपाल से मुलाकात के बाद हमने अपने नेता अजित पवार से भी बात की। उन्होंने हमें मुंबई में अपने आधिकारिक आवास ‘देवगिरी’ पर एक बैठक के लिए आमंत्रित किया है। हम उन्हें इस मुद्दे पर अपने रुख से अवगत कराएंगे।’
महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों, खासकर बीड जिले में मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा और आगजनी हुई है। प्रदर्शनकारियों ने कुछ विधायकों के घरों और सरकारी संपत्तियों को निशाना बनाया है।
भाषा नोमान पवनेश
पवनेश
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