आज नवरात्रि का कौन सा दिन है: छठा या सातवां नवरात्रि का दिन? आज कौन-सी देवी की होगी आराधना, जानिए पूरी जानकारी

आज नवरात्रि का छठवां दिन है और षष्ठी तिथि दोपहर 2:28 बजे तक रहेगी। ऐसे में आज यानी षष्ठी तिथि पर मां कात्यायनी की पूजा की जाएगी। इस दिन श्रद्धालु शक्ति और साहस की प्रतीक देवी कात्यायनी से जीवन में बाधाएं दूर करने और इच्छाओं की पूर्ति का आशीर्वाद मांगते हैं।

आज नवरात्रि का कौन सा दिन है: छठा या सातवां नवरात्रि का दिन? आज कौन-सी देवी की होगी आराधना, जानिए पूरी जानकारी

(आज नवरात्रि का कौन सा दिन है, Image Credit: IBC24 News Customize)

Modified Date: September 28, 2025 / 11:11 am IST
Published Date: September 28, 2025 10:58 am IST
HIGHLIGHTS
  • इस साल नवरात्रि 10 दिन चलेगा, न कि 9।
  • 28 सितंबर को छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा।
  • पूजा के लिए सुबह 4:36 से 5:24 तक ब्रह्म मुहूर्त उत्तम।

रायपुर: आज नवरात्रि का कौन सा दिन है: इस बार नवरात्रि को लेकर काफी असमंजस कि स्थिति है क्योंकि इस साल नवरात्रि पर्व नौ दिनों के स्थान पर दस दिन मनाई जा रही है। इसका कारण यह है कि चौथा नवरात्र दो दिन चला। इसलिए 28 सितंबर को भले ही नवरात्रि का सातवां दिन माना जा रहा हो, लेकिन इस दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप की पूजा की जाएगी। मां कात्यायनी, जो मां दुर्गा का छठा रूप है, उनका रंग सोने जैसा चमकीला होता है। उनकी चार भुजाओं में ऊपरी बायें हाथ में तलवार, निचले बायें हाथ में कमल का फूल है। दांये हाथों में ऊपर वाला अभय मुद्रा में है, जो सुरक्षा का प्रतीक है और नीचे वाला वरदमुद्रा में है, जो आशीर्वाद देती है। मां कात्यायनी का पूजन शक्ति, साहस और समृद्धि के लिए किया जाता है।

मां कात्यायनी का स्वरूप

नवरात्रि की षष्ठी तिथि के दिन मां कात्यायनी की पूजा करने का विधान है। मां कात्यायनी की सवारी सिंह है। माता की चार भुजाएं हैं और उनके सिर पर हमेशा मुकुट सुशोभित रहता है। दो भुजाओं में कमल और तलवार धारण करती हैं। मां एक भुजा वर मुद्रा और दूसरी भुजा अभय मुद्रा में रहती है। मान्यता है कि अगर भक्त विधि-विधान से माता की पूजा करें तो उनके विवाह में आ रही बाधाएं खत्म हो जाती हैं।

मां कात्यायनी की पूजा का महत्व

कहा जाता है कि मां कात्यायनी की उपासना से व्यक्ति को किसी प्रकार का भय या डर नहीं रहता और उसे किसी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं नहीं होती। देवी मां की उपासना उन लोगों के लिये बहुत ही लाभकारी मानी गई है, जो बहुत समय से अपने लिये या अपने बच्चों की शादी के लिए रिश्ता ढूंढ रहे हैं।

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इस मुहूर्त में करें मां कात्यायनी की पूजा

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:36 बजे से 05:24 बजे तक।
  • अभिजित मुहूर्त:सुबह 11:48 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक।
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 02:11 बजे से 02:59 बजे तक।
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:10 बजे से 06:35 बजे तक।
  • अमृत काल: शाम 06:05 से 07:53 बजे तक।
  • सर्वार्थ सिद्धि योग: 29 सितंबर को सुबह 03:55 बजे से 06:13 बजे तक।

मां कात्यायनी मंत्र

ॐ देवी कात्यायन्यै नम:॥

स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

कवच मंत्र

कात्यायनौमुख पातु कां स्वाहास्वरूपिणी।
ललाटे विजया पातु मालिनी नित्य सुन्दरी॥
कल्याणी हृदयम् पातु जया भगमालिनी॥

मां कात्यायनी का प्रिय भोग

मां कात्यायनी को शहद या गुड़ से बनी चीजों का भोग बहुत प्रिय है। ऐसे में आप माता को गुड़ का हलवा अर्पित कर सकते हैं। कहते हैं कि ऐसा करने से भक्त का व्यक्तित्व निखरता है।

मां कात्यायनी का प्रिय पुष्प व रंग

मां कात्यायनी को लाल रंग प्रिय है। इस दिन लाल रंग के गुड़हल या गुलाब के फूल मां भगवती को अर्पित करना बेहद शुभ होता है। मान्यता है कि ऐसा करने से मां भगवती की कृपा बरसती है।

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लेखक के बारे में

मैं 2018 से पत्रकारिता में सक्रिय हूँ। हिंदी साहित्य में मास्टर डिग्री के साथ, मैंने सरकारी विभागों में काम करने का भी अनुभव प्राप्त किया है, जिसमें एक साल के लिए कमिश्नर कार्यालय में कार्य शामिल है। पिछले 7 वर्षों से मैं लगातार एंटरटेनमेंट, टेक्नोलॉजी, बिजनेस और करियर बीट में लेखन और रिपोर्टिंग कर रहा हूँ।