। महबूब खान प्रेम साहब के विलेन वाले अंदाज को देखकर खूब इंप्रेस हुए फिरउन्हें इसी दिशा में आगे बढ़ने को कहा। इसके बाद चोपड़ा साहब ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया।
एक दिन युवा प्रेम साहब की मुलाकात निर्देशक महबूब खान से हुई। महबूब ने उन्हें हीरो की भूमिका देने की बात कही। इसी बीच प्रेम ने वो कौन थी में विलेन का रोल ऑफर हुआ, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
हीरो बनकर तो हर कोई लोगों के दिलों में राज करता है, लेकिन एक विलेन होकर भी लोकप्रिय अपने आप में बड़ी बात है। लेकिन बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि विलेन के रूप में मशहूर हुए प्रेम चोपड़ा इंडस्ट्री में हीरो बनने की चाहत रखते थे।
उनकी आंखों में अलग की तरह की बेईमानी और क्रूरता झलकती थी। उनका स्टाइल और संवाद बोलने का तरीका सबसे अलग और अनूठा है।
आज भले ही वो खराब स्वास्थ्य के चलते फिल्मों से दूर रहते हो लेकिन उनके टक्कर का खलनायक आज भी कोई नहीं है। प्रेम साहब का कोई रिप्लेसमेंट नहीं है।
साल 1964 में आई यह फिल्म उस दौर की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक रही। इतना ही नहीं फिल्म में पहली बार बतौर विलेन नजर आए प्रेम को लोगों ने भी काफी पसंद किया
ऐसे कहा जाता है कि पर्दे में जब जब वे संवाद बोलते औऱ हीरोईन को उठाकर ले जाते दर्शक जोर -जोर से चिल्लाते। चेहरे में हल्की मुस्कान लिए जैसे ही प्रेम साहब संवाद बोलते थियेटर में सीटी और ताली बजने लग जाया करती थी।
प्रेम चोपड़ा ने बतौर विलेन जो तारीफे और शोहरत पाई उतना तो आज के समय में किसी बड़े हीरो को भी नहीं मिल पाया है। उन्होंने ने लंबे चौड़े फिल्म करियर में केवल खलनायक की भूमिका निभाई।
बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता प्रेम चोपड़ा का 87 साल के हो गए है। चोपड़ा साहब किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वो ना सिर्फ बॉलीवुड बल्कि इंडियन फिल्म इंड्रस्ट्री के आइकॉनिक विलेन है।