Ayodhya History Part 05: 13 दशक पहले जब अंग्रेजों के अदालत तक पहुंचा था रामलला का मामला.. जानें क्या थी भगवान राम की अस्तित्व की दलीलें | Ayodhya History Part 05

Ayodhya History Part 05: 13 दशक पहले जब अंग्रेजों के अदालत तक पहुंचा था रामलला का मामला.. जानें क्या थी भगवान राम की अस्तित्व की दलीलें

Edited By :   Modified Date:  January 15, 2024 / 03:30 PM IST, Published Date : January 15, 2024/3:30 pm IST

अयोध्या: करोड़ों हिंदुओं की आस्था का प्रतीक राम मंदिर काफी हद तक बनकर तैयार हो चुका है। अगले महीने 22 जनवरी को 2024 को रामलला की मूर्ति की मंदिर के गर्वगृह में प्राण-प्रतिष्ठा का जाएगी। इस कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश की बड़ी-बड़ी हस्तियों के न्योता दिया गया है। अयोध्या मंदिर को लेकर पांच सौ साल के संघर्ष और लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर बनकर तैयार हो गया है। आज हम आपको बाबरी मस्जिद- राम मंदिर विवाद से लेकर मंदिर निर्माण तक की यात्रा के बारे में बता रहे हैं।

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जानकारी के अनुसार ईशा के लगभग 100 साल पहले उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य एक दिन अयोध्या पहुंचे थे और उन्हें वहां पर कुछ चमत्कार दिखाई देने लगे। तब उन्होंने खोज को शुरू किया और वहां पर मौजूद साधु संतों की कृपा से उन्हें पता चला कि, यहां पर भगवान श्री राम का जन्म हुआ था और यहां पर उनका एक भव्य मंदिर भी है। इस प्रकार से संतों के आदेश पर सम्राट ने अयोध्या में भव्य मंदिर के साथ ही साथ सरोवर और महल का निर्माण करवाया।

राम मंदिर को लेकर लड़ाई 15वीं सदी से चल रही थी। 1528 में मुगल हमलावर बाबर के सेनापति मीर बकी ने राम मंदिर का ढांचा तोड़कर यहां बाबरी मस्जिद का निर्माण करवाया था। इतिहास में ऐसे प्रमाण मिलते हैं। इसके बाद सन् 1885 में यह मामला पहली बार ब्रिटिश शासनकाल के दौरान अदालत में पहुंचा था। राम मंदिर मामले में 135 साल कानूनी लड़ाई चली।

भगवान राम के जन्म को लेकर कई मान्यताएं हैं। कई लोग महर्षि वाल्मीकि की रामायण में बताए गए समय को ही भगवान राम का जन्म समय मानते हैं, लेकिन रामायण पर किए शोध के आधार यह बात सामने आई है कि राम का जन्म 5,114 ईसा पूर्व 10 जनवरी को दोपहर 12.05 मिनट पर हुआ था। महर्षि वाल्मीकि के अनुसार श्रीराम का जन्म चैत्र शुक्ल नवमी तिथि को हुआ था या फिर पुनर्वसु नक्षत्र में जब पांच ग्रह अपने उच्च स्थान में थे तब हुआ था। इस प्रकार सूर्य मेष में 10 डिग्री, मंगल मकर में 28 डिग्री, बृहस्पति कर्क में 5 डिग्री पर, शुक्र मीन में 27 डिग्री पर एवं शनि तुला राशि में 20 डिग्री पर था।

इंस्टीट्यूट ऑफ साइंटिफिक रिसर्च ऑन वेद (I-SERVE) के प्लैनेटेरियम सॉफ्टवेयर के मुताबिक भगवान राम का जन्म अयोध्या में दस जनवरी 5,114 ईसा पूर्व को हुआ था। भारतीय कैलेंडर के मुताबिक भगवान राम के जन्म का समय दोपहर 12 से एक बजे के बीच में है।

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