Ayodhya Shri Ram Surya Tilak Images | सूर्या तिलक से जुड़े अद्भुत रहस्य

Ayodhya Shri Ram Surya Tilak: क्यों सिर्फ श्रीराम का सूर्य तिलक है संभव और क्या है इसके पीछे की पूरी तकनीक?.. देखें और समझें तस्वीरों से

यह वैज्ञानिक उपलब्धि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोलॉजिकल फिजिक्स और सीबीआरआई द्वारा मिलकर विकसित की गई, जो परंपरा और विज्ञान का सुंदर संगम दर्शाती है।

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Modified Date: April 11, 2025 / 02:03 PM IST
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Published Date: April 11, 2025 2:01 pm IST
HIGHLIGHTS
  • रामलला के मस्तक पर सूर्य की किरणें वैज्ञानिक तकनीक से केंद्रित की गईं।
  • ऑप्टिकल मैकेनिकल सिस्टम द्वारा सूर्यतिलक की अद्भुत व्यवस्था राम मंदिर में हुई।
  • भारतीय पंचांग के अनुसार हर रामनवमी पर सूर्यतिलक की सटीक योजना बनाई गई।

Ayodhya Shri Ram Surya Tilak Images: अयोध्या: राम मंदिर निर्माण के बाद दूसरी रामनवमी पर भी रामलला को सूर्यतिलक का अद्भुत दृश्य देखने को मिला, जिसमें विशेष पूजा और श्रृंगार का आयोजन किया गया। इस नज़ारे को देखने के लिए इस बार भी हारो श्रद्धालुओं की भीड़ अयोध्या पहुंची हुई थी। तय समयानुसार जैसे भी भगवान् श्रीराम के माथे पर सूर्य की किरणे पड़ी तो पूरा मंदिर परिसर जय श्री राम के नारों से गूँज उठा। तो आइये जानते है सूर्यातिलक से जुड़े कुछ अद्भुत तथ्यों के बारें में।

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दरअसल सूर्यतिलक के दौरान वैज्ञानिक तकनीक की मदद से सूर्य की किरणों को रामलला के मस्तक तक पहुंचाया गया, जिससे उनके ललाट पर 5 मिनट तक तेज प्रकाश दिखाई दिया।

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यह आयोजन अयोध्या के लिए ऐतिहासिक था, क्योंकि यह दूसरी बार था जब राम मंदिर में रामनवमी पर सूर्यतिलक की अनूठी व्यवस्था की गई।

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Ayodhya Shri Ram Surya Tilak Images: इस विशेष सूर्यतिलक के लिए रूड़की के वैज्ञानिकों की टीम ने ऑप्टिकल मैकेनिकल सिस्टम को तैयार किया।

राम मंदिर की तीसरी मंजिल पर 4 लेंस और 4 शीशों को विशेष रूप से इस तकनीक के तहत स्थापित किया गया, ताकि सूर्य की किरणें सीधे रामलला तक पहुंच सकें।

इस तकनीक के पीछे सटीक एस्ट्रोनॉमिकल कैलकुलेशन का उपयोग किया गया, जिससे हर साल रामनवमी पर सूर्य की किरणें ठीक उसी स्थान पर केंद्रित होती हैं।

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Ayodhya Shri Ram Surya Tilak Images: सूर्यतिलक की व्यवस्था इस तरह से की गई है कि हर रामनवमी पर रामलला के मस्तक पर कम से कम 2 से 3 मिनट तक सूर्य की किरणें पड़ेंगी।

वैज्ञानिकों ने बताया कि इस तकनीक को विकसित करते समय भारतीय पंचांग और 19 वर्षों के तिथियों के चक्र को ध्यान में रखा गया।

Ram Lalla's Surya Tilak performed in Ayodhya's Ram Temple, check details | India News - Business Standard

अंग्रेजी कैलेंडर के बजाय केवल हिंदी तिथियों के अनुसार सूर्य की स्थिति तय की गई, जिससे सूर्यतिलक हर साल सही दिन पर संभव हो सके।

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Ayodhya Shri Ram Surya Tilak Images: यह वैज्ञानिक उपलब्धि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोलॉजिकल फिजिक्स और सीबीआरआई द्वारा मिलकर विकसित की गई, जो परंपरा और विज्ञान का सुंदर संगम दर्शाती है।

प्रश्न 1: रामलला का सूर्यतिलक कैसे किया जाता है?

रामलला के सूर्यतिलक के लिए विशेष ऑप्टिकल मैकेनिकल सिस्टम का उपयोग किया गया है, जिसमें 4 लेंस और 4 शीशों की सहायता से सूर्य की किरणें सीधे उनके मस्तक तक पहुंचाई जाती हैं।

प्रश्न 2: सूर्यतिलक हर साल किस दिन और कितनी देर के लिए होता है?

सूर्यतिलक हर साल रामनवमी के दिन होता है। इस दिन 2 से 5 मिनट तक सूर्य की किरणें रामलला के ललाट पर केंद्रित रहती हैं। यह हिंदी पंचांग के अनुसार तय किया जाता है।

प्रश्न 3: सूर्यतिलक की वैज्ञानिक प्रणाली किसने विकसित की है?

इस अद्भुत तकनीक को रुड़की के वैज्ञानिकों, CBRI (Central Building Research Institute) और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोलॉजिकल फिजिक्स के सहयोग से विकसित किया गया है।