Bhai Dooj Celebration: इस आधुनिक युग की तेज़ रफ़्तार में कैसे बदल रहा है भाई दूज का सेलिब्रेशन? बदलती परम्पराएं और नवीनता का संगम..

भाई दूज सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि एक भावना है जो समय के साथ और मजबूत हुई है। भाई दूज परंपराओं और आधुनिकता का एक खूबसूरत मिश्रण है, जो नई पीढ़ी को पुरानी जड़ों से जोड़ता है।

Bhai Dooj Celebration: इस आधुनिक युग की तेज़ रफ़्तार में कैसे बदल रहा है भाई दूज का सेलिब्रेशन? बदलती परम्पराएं और नवीनता का संगम..

Bhai dooj Celebration

Modified Date: October 23, 2025 / 06:29 pm IST
Published Date: October 23, 2025 6:29 pm IST

Bhai Dooj Celebration: भाई दूज, दीवाली के पांच दिनों के उत्सव का समापन करने वाला यह त्योहार, सदियों से बहन-भाई के अटूट बंधन का प्रतीक रहा है। 23 अक्टूबर 2025 को मनाया जा रहा यह पर्व पारंपरिक रूप से तिलक, आरती और उपहारों से सजा होता है, लेकिन आज के तेज़ रफ्तार जीवन में यह परंपराएं धीरे-धीरे बदल रही हैं। आधुनिकता की लहर ने इसे डिजिटल, व्यक्तिगत और अनुभव-केंद्रित बना दिया है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे भाई दूज की परंपराएं विकसित हो रही हैं, नई पीढ़ी इसे कैसे मना रही है, और आज भी यह त्योहार परिवारों को जोड़ने का माध्यम कैसे बने हुए है?

Bhai Dooj Celebration: भाई दूज की सांस्कृतिक जड़ें, “प्यार और आशीर्वाद की नींव”

भाई दूज का इतिहास पौराणिक कथाओं से जुड़ा है, जो इसे भावनात्मक और आध्यात्मिक महत्व देता है। एक कथा के अनुसार, यमराज अपनी बहन यमुना के आतिथ्य से इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने वरदान दिया कि इस दिन जो भाई अपनी बहन के तिलक से सम्मानित होगा, उसे दीर्घायु और सुख प्राप्त होगा। दूसरी कथा में, भगवान कृष्ण नरकासुर का वध करने के बाद अपनी बहन सुभद्रा के पास गए, जिन्होंने उनका तिलक और मिठाइयों से स्वागत किया।

पारंपरिक रूप से, भाई दूज की रस्में सुबह शुरू होती हैं। बहनें स्नान कर पूजा की थाली सजाती हैं, जिसमें दीपक, कुमकुम, चंदन, फूल, अक्षत और मिठाई होती है। भाई के माथे पर तिलक लगाकर आरती उतारी जाती है, और उनके कल्याण की प्रार्थना की जाती है। बदले में, भाई बहन को उपहार देते हैं – कपड़े, आभूषण या नकद।

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बदलती परंपरा और नवीनता का संगम

समय बदलने के साथ-साथ भाई दूज अब सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान न रहकर भाई-बहन के बीच के प्यार, देखभाल और एकजुटता को मजबूत करने का एक तरीका बन गया है। भले ही पूजा और परंपराओं के तरीके बदल गए हैं, लेकिन भाई की लंबी उम्र की कामना और बहन का स्नेह हमेशा वैसा ही रहता है।
पहले जहां पूरा परिवार एक छत के नीचे इकट्ठा होता था, अब भाई-बहन मीलों दूर रहते हैं, फिर भी टेक्नोलॉजी और रचनात्मकता के दम पर यह पर्व उतना ही जीवंत है।

हाल ही में देखें जाने वाले प्रमुख बदलाव

  • डिजिटल तिलक और वर्चुअल सेलिब्रेशन: महामारी ने वीडियो कॉल्स को भाई दूज का हिस्सा बनाया। बहनें जूम या गूगल मीट पर थाली सजाकर डिजिटल तिलक लगाती हैं। कुछ परिवार AR (ऑगमेंटेड रियलिटी) फिल्टर्स का उपयोग करते हैं, जो स्क्रीन पर तिलक और आरती का अनुभव देते हैं। भाई ई-गिफ्ट कार्ड्स या ऑनलाइन शॉपिंग वाउचर्स भेजते हैं।
  • उपहारों का मॉडर्न ट्विस्ट: पहले मिठाई, कपड़े और आभूषण प्रचलित थे। अब गैजेट्स (जैसे वायरलेस ईयरबड्स, स्मार्टवॉच), पर्सनलाइज्ड गिफ्ट्स (कस्टम मग, फोटो फ्रेम्स) और अनुभव-आधारित उपहार (स्पा वाउचर, कॉन्सर्ट टिकट) ट्रेंड में हैं। इको-फ्रेंडली गिफ्ट्स जैसे प्लांटेबल सीड्स या ऑर्गेनिक मिठाइयां भी लोकप्रिय हैं।
  • सोशल मीडिया का जादू: जीन्सी #BhaiDooj2025, #SiblingVibes या #BroSisGoals जैसे हैशटैग्स के साथ इंस्टाग्राम रील्स, टिकटॉक वीडियोज़ और एक्स पोस्ट्स शेयर करते हैं। बचपन की तस्वीरों का कोलाज, फनी मीम्स या इमोशनल कैप्शन्स वायरल होते हैं। कुछ युवा डिजिटल थाली डिज़ाइन करते हैं, जिसमें एनिमेटेड दीपक और तिलक होते हैं।
  • अनुभवों का उत्सव: उपहारों की जगह, भाई-बहन अब यादें बनाने पर फोकस करते हैं। जैसे, गोवा में बीच पार्टी, रणथंभौर में वाइल्डलाइफ सफारी, या दिल्ली में फूड फेस्टिवल्स में जाना। एक ट्रेंड है ‘सिबलिंग डेट’, जहां भाई-बहन कॉफी शॉप में मिलकर पुरानी बातें याद करते हैं।
  • ग्लोबल टच: विदेश में रहने वाले भारतीय युवा समयानुसार एडजस्ट करते हैं। उदाहरणस्वरूप, अमेरिका में सुबह का वक्त चुनकर वीडियो कॉल पर रस्में निभाई जाती हैं।

भाई दूज साबित करता है कि परंपराएं कठोर नहीं, लचीली होती हैं। आधुनिक बदलावों के बावजूद, इसका मूल – बहन का आशीर्वाद और भाई का वचन – अटल है। चाहे तिलक डिजिटल ही क्यों न हो, भाई दूज का त्योहार परिवार को करीब लाता है। आइए, इस भाई दूज पर अपने भाई या बहन के साथ एक नई याद बनाएं, क्योंकि यह रिश्ता अनमोल है, और इसकी चमक कभी फीकी नहीं पड़ती।

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लेखक के बारे में

Swati Shah, Since 2023, I have been working as an Executive Assistant at IBC24, No.1 News Channel in Madhya Pradesh & Chhattisgarh. I completed my B.Com in 2008 from Pandit Ravishankar Shukla University, Raipur (C.G). While working as an Executive Assistant, I enjoy posting videos in the digital department.