this Three Luck Zodiac Sign will Change on Holika Dahan

30 साल बाद होलिका दहन पर बन रहे दो दो विशेष योग, इन राशि वालों का होगा भाग्योदय, बुधादित्य योग से घर आएगी लक्ष्मी

30 साल बाद होलिका दहन पर बन रहे दो दो विशेष योग, इन राशि वालों का होगा भाग्योदय! this Three Luck Zodiac Sign will Change on Holika Dahan

Edited By :   Modified Date:  March 5, 2023 / 08:58 AM IST, Published Date : March 5, 2023/8:58 am IST

नई दिल्ली: this Three Luck Zodiac Sign will Change on Holika Dahan देशभर में होली का पर्व 8 मार्च को मनाया जाएगा। इस अवसर पर देशभर में लोग एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर बधाई देते हैं। वहीं, होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। लेकिन इस बार होलिका दहन विशेष संयोग में किया जाएगा। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो होलिका दहन पर 30 साल बाद दो दो योग बन रहे हैं।

Read More: AAP की चुनावी तैयारियां तेज: आज छत्तीसगढ़ दौरे पर रहेंगे आप संयोजक अरविंद केजरीवाल, जनसभा को करेंगे संबोधित 

this Three Luck Zodiac Sign will Change on Holika Dahan ज्योतिष शास्त्र के जानकारों के अनुसार 30 साल बाद होलिका दहन के दिन विशेष संयोग बन रहा है। इस दिन शनि देव अपनी स्वराशि कुम्भ में रहेंगे। इस दिन 12 साल बाद गुरु अपनी स्वराशि मीन में रहेंगे। वहीं शुक्र भी मीन राशि में रहेंगे है, जो उनकी उच्च राशि है। दो ग्रहों का स्वराशि व एक का उच्च राशि में रहने से आने वाला समय अच्छा होगा। प्रजा हित के कार्यो पर सरकार का फोकस रहेगा। जनता के रुके हुए काम गति पकड़ेंगे। होली का पर्व सोमवार को होने से विशेष फलदायक रहेगा।

Read More: इस राज्य की सरकार का बड़ा तोहफा, अब नई ​गाड़ियों की खरीद पर नहीं चुकानी होंगी ये फीस 

होलिका दहन के दिन सूर्य व बुध कुम्भ राशि में रहेंगे, इससे बुधादित्य योग भी बन रहा है, जो व्यापारिक क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगा। व्यापार जगत में उन्नति दायक होगा। ज्योतिष में बुधादित्य राजयोग को बहुत शुभ माना गया है। होलिका दहन के दिन शनि की राशि कुंभ में सूर्य, बुध और शनि का त्रिग्रही योग बन रहा है। ऐसा संयोग 30 साल बाद बन रहा है। इससे पूर्व वर्ष 1993 में होलिका दहन के अवसर पर तीनों ग्रह कुंभ राशि में थे। इस त्रिग्रही योग के अलावा मीन राशि में गुरु और शुक्र की युति से भी शुभ योग बन रहा है। शुक्र अपनी उच्च राशि में होने से मालव्य योग और गुरु अपनी स्वराशि में होने से हंस नामक राज योग बन रहे हैं।

Read More: India News Today 05 March Live Update: CM शिवराज सिंह आज लांच करेंगे मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना, जन्मदिवस पर आज प्रदेशभर में मुख्यमंत्री करेंगे पौधारोपण 

धर्म शास्त्रों के अनुसार प्रदोषकाल व्यापिनी पूर्णिमा पर गोधूली बेला में होलिका का दहन किया जाता है। फाल्गुन पूर्णिमा 6 मार्च को शाम 4.18 बजे प्रारंभ होगी, जो 7 मार्च को शाम 6.10 बजे तक रहेगी। राजस्थान में 6 मार्च को प्रदोष काल में पूर्णिमा मिल रही है। दूसरे दिन 7 मार्च को पूर्णिमा प्रदोष काल को स्पर्श नहीं कर पाएगी, इसलिए सम्पूर्ण राजस्थान में 6 मार्च को ही प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा पर गोधूली बेला में होलिका का दहन किया जाएगा। ज्योतिषाचार्य पं. दोमादर प्रसाद शर्मा का कहना है कि होलिका दहन प्रदोषकालयुक्त गोधुली बेला में किया जाना शास्त्र सम्मत है।

Read More: शपथ ग्रहण से पहले नागालैंड के मुख्यमंत्री ने दिया इस्तीफा, राज्यपाल को सौंपा अपना त्याग पत्र 

धर्मसिन्धु शास्त्रानुसार होलिका दहन में भद्रा को टाला जाता है, लेकिन भद्रा का समय यदि निशीथ काल (अर्द्धरात्रि) के बाद चला जाता है, तो होलिका दहन (भद्रा के मुख को छोड़कर) भद्रा पुच्छकाल या प्रदोषकाल में करना चाहिए। 6 मार्च को प्रदोषकाल में पूर्णिमा शाम 6. 27 बजे से 6.39 बजे तक रहेगी। इस बीच शाम 4.18 बजे से दूसरे दिन 7 मार्च को तड़के 5.14 बजे तक भद्रा रहेगी। इस बार राजस्थान सहित देश में अधिकांश जगहों पर भद्रा के साए में होलिका दहन होगा। जयपुर में होलिका दहन का समय शाम 6 बजकर 26 मिनट से 6 बजकर 38 मिनट तक रहेगा।

 

 

 

 

देश दुनिया की बड़ी खबरों के लिए यहां करें क्लिक