Diwali Calendar 2025: पूजा, खरीदारी या निवेश, किस दिन है सबसे शुभ समय? धनतेरस से भाई दूज तक के सभी मुहूर्त यहां देखें

इस बारर 18 अक्टूबर 2025 से धनतेरस के साथ दीपोत्सव की शुरुआत हो रही है, जो भाई दूज तक चलेगा। दिवाली हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है, जिसमें मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा होती है। जानिए इन 5 दिनों के शुभ मुहूर्त ताकि पूजा-पाठ सही समय पर कर अच्छे फल प्राप्त कर सकें।

Diwali Calendar 2025: पूजा, खरीदारी या निवेश, किस दिन है सबसे शुभ समय? धनतेरस से भाई दूज तक के सभी मुहूर्त यहां देखें

(Diwali Calendar 2025, Image Credit: IBC24 News Customize)

Modified Date: October 13, 2025 / 03:16 pm IST
Published Date: September 25, 2025 8:32 am IST
HIGHLIGHTS
  • धनतेरस – 18 अक्टूबर को, बर्तन व आभूषण खरीदना शुभ।
  • छोटी दिवाली – 19 अक्टूबर को, रात्रि पूजा का महत्व।
  • दीपावली – 20 अक्टूबर को, लक्ष्मी-गणेश पूजन का विशेष योग।

Diwali Calendar 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक अमावस्या को दीपावली का पर्व मनाया जाता है। यह न केवल भारत बल्कि कई अन्य देशों में भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। दीपावली से पहले और बाद में कुल मिलाकर पांच दिवसीय पर्व मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और समापन भाई दूज पर होता है। तो आइए जानते हैं कि इस पर्व 2025 के दीपोत्सव में हर दिन का शुभ मुहूर्त क्या है?

शनिवार 18 अक्टूबर को धनतेरस

धनतेरस पर धन और आरोग्य के देवता भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है। इस दिन बर्तन, आभूषण और धातु की खरीदारी करना बहुत शुभ माना जाता है।

  • धनतेरस पूजा मुहूर्त: शाम 7:15 बजे से रात 8:19 बजे तक।
  • प्रदोष काल: शाम 5:48 बजे से रात 8:19 बजे तक।
  • वृषभ काल: शाम 7:15 बजे से रात 9:11 बजे तक।

रविवार 19 अक्टूबर को छोटी दिवाली (नरक चतुर्दशी)

इस दिन को काली चौदस भी कहा जाता है। मां काली और कई स्थानों पर हनुमान जी की पूजा का महत्व है।

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  • पूजा मुहूर्त: रात 11:41 बजे से 12:31 बजे तक।

सोमवार 20 अक्टूबर को दीपावली

इस दिन मां लक्ष्मी, गणेश जी और कुबेर देव की पूजा की जाती है।

  • लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 7:08 बजे से रात 8:18 बजे तक।
  • प्रदोष काल: शाम 5:46 बजे से रात 8:18 बजे तक।
  • वृषभ काल: रात 7:08 बजे से 9:03 बजे तक।

बुधवार 22 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा

इस दिन भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा पर आधारित पूजा होती है।

  • प्रातःकाल मुहूर्त: सुबह 6:26 से 8:42 बजे तक।
  • सायंकाल मुहूर्त: दोपहर 3:29 से शाम 5:44 बजे तक।

गुरुवार 23 अक्टूबर को भाई दूज

इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए तिलक करती हैं।

  • अपराह्न मुहूर्त: दोपहर 1:13 बजे से 3:28 बजे तक।

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लेखक के बारे में

मैं 2018 से पत्रकारिता में सक्रिय हूँ। हिंदी साहित्य में मास्टर डिग्री के साथ, मैंने सरकारी विभागों में काम करने का भी अनुभव प्राप्त किया है, जिसमें एक साल के लिए कमिश्नर कार्यालय में कार्य शामिल है। पिछले 7 वर्षों से मैं लगातार एंटरटेनमेंट, टेक्नोलॉजी, बिजनेस और करियर बीट में लेखन और रिपोर्टिंग कर रहा हूँ।