Janmashtami 2022: जन्माष्टमी पर भूलकर भी न तोड़ें इन पौधों की पत्तियां, नहीं तो हो जाएगा अनर्थ

Janmashtami 2022: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व आज मनाया जा रहा है। इस दौरान लोग भगवान कृष्ण को मनाने के लिए कई तरह के कार्य करते हैं। 

Janmashtami 2022: जन्माष्टमी पर भूलकर भी न तोड़ें इन पौधों की पत्तियां, नहीं तो हो जाएगा अनर्थ

Krishna Janmashtami

Modified Date: November 29, 2022 / 12:25 pm IST
Published Date: August 18, 2022 11:58 pm IST

Janmashtami 2022: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व आज मनाया जा रहा है। इस दौरान लोग भगवान कृष्ण को मनाने के लिए कई तरह के कार्य करते हैं। इस दिन श्रीकृष्ण का श्रृंगार करके उनकी विधिवत पूजा की जाती है। उनके भक्त पूर दिन भूखे-प्यासे रहकर व्रत करते हैं और मध्यरात्रि में भगवान को पंचामृत का भोग लगाते हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर कई बार लोगों से जाने-अनजाने बड़ी गलतियां हो जाती है। ज्योतिषियों का कहना है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर कुछ नियमों का विशेष ख्याल रखना चाहिए।

– तुलसी के पत्ते- जन्माष्टमी के दिन भूलकर भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। श्रीकृष्ण को विष्णु का पूर्ण अवतार माना जाता है और भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय है। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु के विग्रह रूप शालिग्राम और तुलसी का विवाह भी कराया जाता है।

लहसुन प्याज- जन्माष्टमी के दिन लहसुन, प्याज या तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन मांस, मदिरा पान से भी दूर ही रहें। आप जलाहार या फलाहार के साथ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रख सकते हैं।

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– चावल से परहेज- हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, जन्माष्टमी के दिन चावल के सेवन से परहेज करना चाहिए। जन्माष्टमी की तरह एकादशी पर भी चावल या जौ से बनी चीजें ना खाने की सलाह दी जाती है।

– श्रीकृष्ण की पीठ– ज्योतिषविदों का कहना कि मंदिर में भूलकर भी श्रीकृष्ण की पीठ के दर्शन नहीं करने चाहिए। श्रीकृष्ण की पीठ देखने से इंसान के पुण्य कम हो जाते हैं। ऐसा कहते हैं कि श्रीकृष्ण की पीठ पर अधर्म का वास होता है, जिसके दर्शन से अधर्म बढ़ता है। मायावी असुर कालयवन के पुण्य को समाप्त करने के लिए भी श्रीकृष्ण को उसे पीठ दिखानी पड़ी थी।

– काले रंग की सामग्री- जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को काले रंग की कोई भी सामग्री अर्पित ना करें। साथ ही काले कपड़े पहनकर भगवान की पूजा ना करें। काले रंग का प्रयोग आमतौर पर अशुभ और शोक का प्रतीक माना जाता है।


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