Mahagauri Mata ki Katha : सुहाग की रक्षा के लिए नवरात्री के आठवें दिन ज़रूर पढ़ें शक्ति और ऐश्वर्य की देवी माँ महागौरी की अलौकिक कथा

To protect your married life, on the eighth day of Navratri, do read the supernatural story of Goddess Mahagauri, the goddess of power and wealth

Mahagauri Mata ki Katha : सुहाग की रक्षा के लिए नवरात्री के आठवें दिन ज़रूर पढ़ें शक्ति और ऐश्वर्य की देवी माँ महागौरी की अलौकिक कथा

Mahagauri mata ki katha..

Modified Date: October 8, 2024 / 04:28 pm IST
Published Date: October 8, 2024 4:15 pm IST

Mahagauri Mata ki Katha : मां दुर्गा जी की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है और नवरात्रि के आठवें दिन इनकी पूजा की जाती है। इनका वर्ण पूर्ण रूप से गौर है, इसलिए इन्हें महागौरी कहा जाता है, तथा  इन्हें श्वेतांबरधरा के नाम से भी जाना जाता है। इनका स्वरूप अत्यंत सौम्य है। मां गौरी का ये रूप बेहद सरस, सुलभ और मोहक है। देवी महागौरी का अत्यंत गौर वर्ण हैं।

Mahagauri Mata ki Katha : देवी का मंत्र 

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

 ⁠

अर्थ : हे माँ! सर्वत्र विराजमान और माँ गौरी के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। हे माँ, मुझे सुख-समृद्धि प्रदान करो।

Mahagauri Mata ki Katha : माँ महागौरी का स्वरूप
महागौरी की चार भुजाएँ हैं। इनका वाहन वृषभ है। इनके ऊपर के दाहिने हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले दाहिने हाथ में त्रिशूल है। ऊपरवाले बाएँ हाथ में डमरू और नीचे के बाएँ हाथ में वर-मुद्रा हैं। इनकी मुद्रा अत्यंत शांत है। यही महागौरी देवताओं की प्रार्थना पर हिमालय की श्रृंखला मे शाकंभरी के नाम से प्रकट हुई थी।

Mahagauri Mata ki Katha

महागौरी की कथा

माँ महागौरी ने देवी पार्वती रूप में भगवान शिव को पति-रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी, एक बार भगवान भोलेनाथ ने पार्वती जी को देखकर कुछ कह देते हैं। जिससे देवी के मन का आहत होता है और पार्वती जी तपस्या में लीन हो जाती हैं। इस प्रकार वषों तक कठोर तपस्या करने पर जब पार्वती नहीं आती तो पार्वती को खोजते हुए भगवान शिव उनके पास पहुँचते हैं वहां पहुंचे तो वहां पार्वती को देखकर आश्चर्य चकित रह जाते हैं। पार्वती जी का रंग अत्यंत ओजपूर्ण होता है, उनकी छटा चांदनी के सामन श्वेत और कुन्द के फूल के समान धवल दिखाई पड़ती है, उनके वस्त्र और आभूषण से प्रसन्न होकर देवी उमा को गौर वर्ण का वरदान देते हैं।

Mahagauri Mata ki Katha

एक कथा अनुसार भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए देवी ने कठोर तपस्या की थी जिससे इनका शरीर काला पड़ जाता है। देवी की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान इन्हें स्वीकार करते हैं और शिव जी इनके शरीर को गंगा-जल से धोते हैं तब देवी विद्युत के समान अत्यंत कांतिमान गौर वर्ण की हो जाती हैं तथा तभी से इनका नाम गौरी पड़ा। महागौरी रूप में देवी करूणामयी, स्नेहमयी, शांत और मृदुल दिखती हैं। देवी के इस रूप की प्रार्थना करते हुए देव और ऋषिगण कहते हैं “सर्वमंगल मंग्ल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके. शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोस्तुते..”।

Mahagauri Mata ki Katha

महागौरी जी से संबंधित एक अन्य कथा भी प्रचलित है इसके जिसके अनुसार, एक सिंह काफी भूखा था, वह भोजन की तलाश में वहां पहुंचा जहां देवी उमा तपस्या कर रही होती हैं। देवी को देखकर सिंह की भूख बढ़ गयी परंतु वह देवी के तपस्या से उठने का इंतजार करते हुए वहीं बैठ गया। इस इंतजार में वह काफी कमज़ोर हो गया। देवी जब तप से उठी तो सिंह की दशा देखकर उन्हें उस पर बहुत दया आती है और माँ उसे अपना सवारी बना लेती हैं क्योंकि एक प्रकार से उसने भी तपस्या की थी। इसलिए देवी गौरी का वाहन बैल और सिंह दोनों ही हैं। एक अन्य कथा के अनुसार दुर्गम दानव के अत्याचारों से संतप्त जब देवता भगवती शाकंभरी की शरण मे आये तब माता ने त्रिलोकी को मुग्ध करने वाले महागौरी रूप का प्रादुर्भाव किया। यही माता महागौरी आसन लगाकर शिवालिक पर्वत के शिखर पर विराजमान हुई और शाकंभरी देवी के नाम से उक्त पर्वत पर उनका मंदिर बना हुआ है यह वही स्थान है जहां देवी शाकंभरी ने महागौरी का रूप धारण किया था।

Mahagauri Mata ki Katha

मां महागौरी भक्तों का कष्ट अवश्य ही दूर करती है। इसकी उपासना से अर्तजनों के असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। महागौरी के पूजन से सभी नौ देवियां प्रसन्न होती है।

———-

Read more : यहाँ पढ़ें और सुनें 

Mahagauri Devi ki Aarti : नवरात्री के आठवें दिन ज़रूर पढ़ें देवी दुर्गा जी की आठवीं शक्ति एवं सौन्दर्य की देवी माँ गौरी की आरती

Kalratri Mata ki Katha : नवरात्री के सांतवें दिन ज़रूर पढ़ें माँ दुर्गा के सबसे विकराल एवं शक्तिशाली रूप देवी कालरात्रि की अद्भुत कथा

Navratri Bhakti Geet : “मेरी अँखियों के सामने ही रहना माँ शेरोंवाली जगदम्बे”, नवरात्री पर ज़रूर सुनें माता की भक्ति में डूब जाने वाला भजन, पूरी होंगी सारी मनोकामनाएं

Argala Stotram Mantra : नवरात्री पर ज़रूर सुनें और पढ़ें ये चमत्कारी अर्गला स्तोत्र का पाठ, ‘नौकरी में हों समस्याएं यां व्यापार में हो रहे घाटे’ में होंगे आश्चर्यजनक बदलाव

Durga Saptashati Shlok : इन चमत्कारी 7 श्लोकों में छीपा है सम्पूर्ण दुर्गा सप्तशती पाठ का सार.. नवरात्री में इन श्लोकों के जाप से पाएं सम्पूर्ण पाठ का फल

Mahishasura Mardini Stotram : देवी महिषासुरमर्दिनी की स्तुति में लिखा गया एक छोटा सा ग्रंथ, जिसे नवरात्री में सुनने मात्र से ही जीवन की समस्त बाधाएं और चुनौतियाँ होती हैं दूर

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए हमारे फेसबुक फेज को भी फॉलो करें
IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें
Follow the IBC24 News channel on WhatsApp


लेखक के बारे में

Swati Shah, Since 2023, I have been working as an Executive Assistant at IBC24, No.1 News Channel in Madhya Pradesh & Chhattisgarh. I completed my B.Com in 2008 from Pandit Ravishankar Shukla University, Raipur (C.G). While working as an Executive Assistant, I enjoy posting videos in the digital department.