Mithun Sankranti 2023: मिथुन संक्रांति के सरल सनातनी उपाय, जानें पुण्य काल और धार्मिक महत्व

Mithun Sankranti 2023 मिथुन संक्रांति इसलिए भी महत्‍वपूर्ण मानी जाती है क्‍योंकि इसके बाद से ही वर्षा ऋतु शरू हो जाती है।

Mithun Sankranti 2023: मिथुन संक्रांति के सरल सनातनी उपाय, जानें पुण्य काल और धार्मिक महत्व

Mithun Sankranti 2023

Modified Date: June 15, 2023 / 01:06 pm IST
Published Date: June 15, 2023 12:28 pm IST

Mithun Sankranti 2023: मिथुन संक्रांति पूजन से जीवन में शांति और मंगल का आगमन होता है। मिथुन संक्रांति इसलिए भी महत्‍वपूर्ण मानी जाती है क्‍योंकि इसके बाद से ही वर्षा ऋतु शरू हो जाती है। कुछ लोग इसे रज संक्रांति के नाम से भी जानते हैं। मिथुन संक्रांति हिन्दू धर्म में मनाये जाने वाले महत्वपूर्ण धार्मिक पर्वों में से एक है, जिसे वर्ष के तीसरे माह की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है। वर्ष में आने वाले 12 संक्रांति को दान-पुण्य आदि के सभी कार्यों के लिए शुभ माना जाता है।

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हिन्दू पंचांग के अनुसार यह वर्ष का तीसरा माह होता है और इस दिन सूर्य वृषभ राशि से मिथुन राशि में प्रवेश करता है, जिस कारण इसे मिथुन संक्रांति कहा जाता है। इस परिवर्तन से बहुत से अच्छे और बुरे प्रभाव आते हैं इसलिए इस दिन पूजा का बहुत खास महत्व होता है। उड़ीसा में इस दिन को त्यौहार की तरह मनाया जाता है जिसे राजा परबा कहा जाता है। इस दिन विशेष रूप से पोड़ा-पीठा नाम की मिठाई बनाई जाती है। यह गुड़, नारियल, चावल के आटे व घी से बनती है। इस दिन चावल नहीं खाया जाता है।

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चार दिनों तक चलने वाला यह पर्व वर्षा ऋतु के आगमन के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन अविवाहित लड़कियां सुन्दर कपड़े और गहनें पहनती है जबकि विवाहित महिलाएं इस दिन घर के काम-काज से छुट्टी लेकर घर में उत्सव मनाती हैं।

मिथुन संक्रांति की परंपराएं-

  • हिन्दू धर्म के अनुसार मिथुन संक्रांति के दिन कपड़ें उपहार और दान में देने का बहुत खास महत्व होता है।
  • इस दिन लोग भगवान विष्णु और धरती माँ की पूजा करते है।
  • धरती माँ के रूप एक पत्थर को तरह-तरह के फूलों और सजावट की अन्य वस्तुओं से सजाया जाता है। ऐसा वर्षा ऋतु के आगमन की तैयारियों के रूप में किया जाता है।
  • इस दिन की जानें वाली अन्य परंपराओं में से एक है राजा परबा, जिसमें लड़कियां बरगद के पेड़ पर झूले डालकर झुला झूलती है और गानें गाती है।

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  • मिथुन संक्रांति विशेषकर जरुरतमंदों को कपड़ें दान में देने के लिए जानी जाती हैं।
  • इस दिन चावल का सेवन करना निषेध माना जाता है।

मिथुन संक्रांति पुण्य काल शुभ मुहूर्त

Mithun Sankranti 2023: वर्ष 2023 में मिथुन संक्रांति 15 जून को मनाया जाता है। 15 जून को शाम 6:29 पर सूर्य देव मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। इस बार पुण्यकाल का जो समय है वो 06:19 मिनट से लेकर 07:20 तक होगा। कुल मिलाकर यह अवधि एक घंटे की होगी। इसी समय में आपको स्नान और दान दोनों करना होगा। मिथुन संक्रांति में सूर्य देव की पूजा की जाती है ताकि आने वाले जीवन में शांति और मंगल का आगमन हो।

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