यहां स्थापित है मां महामाया का धड़ ! सिर के दर्शन करना पहुंचना होता है अन्य स्थान

यहां स्थापित है मां महामाया का धड़ ! सिर के दर्शन करना पहुंचना होता है अन्य स्थान

  •  
  • Publish Date - April 10, 2021 / 07:06 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:03 PM IST

सरगुजा जिला मुख्यत: आदिवासी बहुल इलाका है। इन आदिवासियों में माता महामाया को लेकर आगाध श्रद्धा है। अंबिकापुर में देवी महामाया का प्राचीन मंदिर स्थित है। पूर्वी पहाड़ी पर प्राचीन महामाया देवी का मंदिर स्थित है। इन्हीं महामाया या अम्बिका देवी के नाम पर जिला मुख्यालय का नामकरण अंबिकापुर हुआ।

Read More: लॉक हुआ छत्तीसगढ़ का एक और जिला, यहां साप्ताहिक बाजारों पर लगा प्रतिबंध, निर्देश 

एक मान्यता के अनुसार अंबिकापुर स्थित महामाया मंदिर में महामाया देवी का धड़ स्थित है। इनका सिर बिलासपुर जिले के रतनपुर के महामाया मंदिर में है। इस मन्दिर का निर्माण महामाया रघुनाथ शरण सिंह देव ने कराया था। चैत्र व शारदीय नवरात्र में विशेष रूप अनगिनत भक्त इस मंदिर में जाकर पूजा अर्चना करते है।

Read More: शराब में 600 करोड़ सेस वसूला गया, लेकिन नहीं किया जा रहा खर्च 1 रुपए, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का आरोप
बता दें कि इस नगर को रक्सेल राजवंश ने आबाद किया है, जिसकी 119वीं पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वर्तमान में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ।

Read More: अपहरण, रिहाई और सवाल! सरकार को क्या संदेश देना चाहते हैं नक्सली?

विश्व की प्राचीनतम नाट्यशाला सरगुजा के रामगढ़ में स्थित है । यहां के महेशपुर में पांचवीं से लेकर 16वीं शताब्दी की अनमोल धरोहर सांस ले रही है जबकि लखनपुर में स्थित देवगढ़ का अर्धनारीश्वर शिवलिंग की पूरे देश में ख्याति है । इसी तरह यहां के मैनपाट की विभिन्न लोकेशन इसे हिल स्टेशन के रूप में ख्याति दिलाती है ।