Nag Panchami 2022 Shubh Yog and pujan vidhi

Nag panchami 2022: इन 2 शुभ मुहूर्त में होगी नाग देवता की पूजा, नाग पंचमी पर बन रहा ये खास संयोग

Nag Panchami 2022: श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है। हिंदू धर्म में नाग पंचमी का विशेष महत्व बताया गया है।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:28 AM IST, Published Date : July 21, 2022/12:06 am IST

Nag Panchami 2022: विदेशों में भारत को सांपों का देश कहा जाता है। वजह ये है कि हमारे देश में सांप, पशु-पक्षी आदि की पूजा की जाती है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है। हिंदू धर्म में नाग पंचमी का विशेष महत्व बताया गया है। चूंकि पौराणिक काल से ही सर्पों को देवता मानकर पूजा जाता रहा है, इसलिए इस दिन प्रमुखता के साथ नागों की पूजा की जाती है। नाग पंचमी के दिन नाग की प्रतिमा पर दूध चढ़ाया जाता है और उनसे मंगलमयी जीवन की कामना की जाती है। इस साल नाग पंचमी का त्योहार 2 अगस्त को मनाई जाएगी। नाग पंचमी पर एक विशेष संयोग भी बन रहा है।

यह भी पढ़ें : पेट्रोल-डीजल को ‘गोली मारिए’! यहां केरोसीन भी पहुंचा 100 रुपए के पास, लोगों का जीना हुआ मुहाल 

इस साल नाग पंचमी पर दो शुभ योग भी बन रहे हैं। 2 अगस्त को नाग पंचमी शिव योग और सिद्धि योग में मनाई जाएगी। इस दिन शाम 06 बजकर 38 मिनट तक शिव योग रहेगा। इसके बाद सिद्धि योग शुरू होगा। इन मुहूर्तों में भगवान शिव और नाग देवता की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है।

यह भी पढ़ें :  सड़क पर ही शुरू हो गई दो मॉडल, करने लगी ऐसा काम, भड़की महिला ने सिखाया सबक 

नाग पंचमी 2 अगस्त दिन मंगलवार को है। सावन के मंगलवार मां मंगला गौरी का व्रत भी रखा जाता है। इस तरह मंगला गौरी व्रत और नाग पंचमी एकसाथ पड़ रही है। यानी भगवान शिव, माता पार्वती और नाग देवता की पूजा एकसाथ की जाएगी। ज्योतिषियों का कहना है कि यह एक दुर्लभ संयोग है और इसमें विधिवत पूजा का फल कई गुना बढ़कर मिलेगा।

पूजन विधि

नाग पंचमी पर आठ नागों को देव मानकर पूजा जाता है। इस दिन अनन्त, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख नाम के अष्टनागों की पूजा का विधान है। आप नाग की प्रतिमा या मिट्टी से बने नाग के चित्र की पूजा कर सकते हैं। सबसे पहले नाग देव को हल्दी, रोली चावल और फूल अर्पित करें। फिर कच्चा दूध चढ़ाएं। पूजा के बाद इनकी आरती उतारें और सेपेरों को दान दक्षिणा दें। अंत में नाग पंचमी की कथा सुनें। नाग पंचमी के दिन उपवास करके शाम को भोजन करना चाहिए।