Sawan Somvar 2024: सावन सोमवार व्रत की तैयारी कैसे करें, जानें शिवपूजन और रुद्राभिषेक की सामग्री और विधि |

Sawan Somvar 2024: सावन सोमवार व्रत की तैयारी कैसे करें, जानें शिवपूजन और रुद्राभिषेक की सामग्री और विधि

Sawan Monday 2024: सोमवार 22 जुलाई से सावन इस बार शुरू हो रहा है। जाहिर है कि सोमवार का दिन भी भगवान शिव के लिए समर्पित होता है। ऐसे में यह सावन काफी शुभ होने वाला है।

Edited By :   Modified Date:  July 10, 2024 / 10:51 AM IST, Published Date : July 10, 2024/10:47 am IST

Sawan Somvar 2024: सावन में पड़ने वाले सोमवार के दिन श्रद्धापूर्वक शिवलिंग का पूजन-अभिषेक करने और व्रत रखने से जीवन की समस्त बाधाएं दूर होती है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि रहती है।

हिंदू धर्म में सावन महीने का खास महत्व होता है। सावन का महीना भगवान शिव के लिए समर्पित होता है। इस बार सावन की शुरुआत सोमवार के दिन से ही हो रही है। सोमवार 22 जुलाई से सावन इस बार शुरू हो रहा है। जाहिर है कि सोमवार का दिन भी भगवान शिव के लिए समर्पित होता है। ऐसे में यह सावन काफी शुभ होने वाला है।

सावन की शुरुआत सोमवार से होने के कारण कई लोग पहले से ही इस तैयारी में लग गए हैं कि भगवान शिव की पूजा के लिए किस तरह से तैयारी की जाए। आज हम इस लेख में आपको बताएंगे कि भगवान शिव के लिए किस प्रकार की पूजन सामग्री की आवश्यकता है और भगवान शिव किस तरह की पूजा करने से प्रसन्न होते हैं।

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भगवान शिव की पूजन सामाग्री

आपको बता दें कि भगवान शिव की पूजा करने के लिए जिस सामग्री की जरूरत होती है उनमें शुद्ध जल, गंगाजल, शहद, दूध, दही, शक्कर, गुड, घी, धूप बत्ती, चंदन लाल, चंदन पीला, चंदन सफेद, फूल, धतूरे का फूल, सफेद कनेर का फूल, विल्वपत्र, शमी पत्र दूर्वा, पान पत्ता, सुपारी, लौंग, इलायची, मौली, रोली, जनेउ, हल्दी, चावल, भांग, और पंचमेवा जैसी सामग्री आपको शिव की पूजा में आवश्यक होती है।

शिव की पूजा करने के लिए आप सुबह शुद्ध जल से स्नान करें और फिर स्वच्छ धुले हुए कपड़े पहनकर भगवान शिव की पूजा करें। इसके साथ ही सावन में भगवान शिव के रुद्राभिषेक का भी काफी महत्व होता है। रुद्राभिषेक के लिए आपको अलग तरह की सामग्री की आवश्यकता होती है। रुद्राभिषेक के लिए आप शर्करा युक्त जल, दूध, शहद, गन्ने का रस, भांग मिश्रित जल, का प्रयोग भी रुद्राभिषेक के लिए कर सकते हैं।

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पूजा के अंत में आप ‘जय शिव ओंकारा’ आरती गाकर भगवान शिव की आरती करें और उन्हें नैवैद्य अर्पित करें। भगवान के भोग प्रसाद के लिए आप कोई भी मीठा, साथ ही आप मौसम में उपलब्ध फलों का उपयोग कर सकते हैं। पूजा के अंत में भगवान की प्रार्थना करें और साष्टांग दण्डवत होकर प्रणाम करें। जिसके बाद आप स्वयं प्रसाद ग्रहण करें। इस ​दिन आप व्रत रहें और केवल फलाहार करके दिन व्यतीत करें।

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