shivji ke powerful mantra by Pradeep mishra: मध्य प्रदेश के मशहूर कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा इन दिनों सुर्खियों में हैं। पंडित प्रदीप मिश्रा अपने धार्मिक कथाओं के साथ-साथ घरेलू दिक्कतें के उपाय देने के लिए भी मशहूर है। उनके कई भक्त कुबेरेश्वर धाम में अपने दिक्कतों का निवारण पाने के लिए आते है। हाल ही में प्रदीप मिश्रा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसमें पंडित मिश्रा ने शिव को खुश करने के लिए 3 मंत्र बताए है।
shivji ke powerful mantra by Pradeep mishra: वायरल वीडियो में पंडित मिश्रा कहते है कि 3 मंत्रों का स्मरण शिव महापुराण में किया गया है। पहला ओम नम: शिवाय, दूसरा मंत्र उन्होंने एक वाक्य के साथ बताया कि मार्कण्डेय जी जिनकी उम्र सिर्फ 12 साल थी जीवित रहने की। तो उनके पिता जी ने कह दिया था कि तू शंकर का भजन कर तू शिव का स्मरण कर अगर तूने शंकर का स्मरण किया तो ये तो तय है कि तेरी अकाल मृत्यु तो नहीं होगी। काल का हरण करने वाला एक मात्र महाकाल है। मार्कण्डेय जी से कहा कि तेरी उम्र केवल 12 वर्ष है। जब वो समय आ गया जब मार्कण्डेय जी 12 साल के हो गए उस दिन मार्कण्डेय जी और उनकी माता और पिता भी शंकर की भक्ति में लग गए।
shivji ke powerful mantra by Pradeep mishra: मार्कण्डेय जी को लेने के लिए यमदूत जी आ गए डर गया थोड़ी देर बाद यमदूत देखे कि शंकर का अनमोदन कर रहा है तो वह डर गए और वापस चले गएष फिर यमराज आ गए जिसे देख 12 साल के बच्चे को डर गया उसने शंकर का शिवलिंग कस के पकड़ लिया गले लगाकर कहा कि शंभू मुझे डर लग रहा है। इसके बाद महामृत्युंजय के वैदिक मंत्र को पुकारना प्रारंभ किया। जब 33 अक्षर के महामृत्युंजय मंत्र को पुकारा तो शंकर निकल कर सामने खड़ा हो गया और यमराज पीछे हट गया। जब उस मंत्र का उच्चारण मार्कण्डेय जी ने किया तो देवता इस मंत्र की मूलत: को जान गए। पहला मंत्र ओम् नम: शिवाय, दूसरा मंत्र महामृत्युंजय मंत्र, और तीसरा मंत्र श्री शिवाय नमस्तुभ्यं।
shivji ke powerful mantra by Pradeep mishra: आगे पंडित मिश्रा ने बताया कि मंत्र के तीन क्रम है। वैदिक, तांत्रिक और शाब्दिक। महामृत्युंजय मंत्र वैदिक है इसके जब ब्राह्मण जपता है कुसा का आसन बिछाकर मौन रहकर घटकी जिबा से जपता है अघर याद नहीं रहता तो भी धीमा-धीमा बोलता है तेज नहीं महामृत्युंज का जाप अनुष्ठान सामने कलश स्थापन कर प्रेम से 11 सौ, 11 हजार, सवा लाख अनुष्ठान किया जाता है। ओम नम: शिवाय का जाप चलते फिरते किया जाता है। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं शाब्दिक मंत्र है। इस मंत्र के लिए न तो आसान की जरूरत है न तप-साधना की जरूरत है जब-जब पढ़ों तब शंकर साक्षी। कोई रोग, बिमारी या कष्ट आ गया तो महामृत्युंजय मंत्र का स्मरण शंकर के साक्षी होना चाहिए। लेकिन आज के लोग जो आज इस मंत्र का स्मरण कई प्रकार से करते है वह सही नहीं है।
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