Ram Navami 2025: राम नवमी पर ऐसे करें प्रभु श्रीराम की पूजा, दोपहर 1:35 बजे तक है शुभ मुहूर्त, यहां जानिए मंत्र, भोग सहित अन्य जरूरी बातें
राम नवमी पर ऐसे करें प्रभु श्रीराम की पूजा, दोपहर 1:35 बजे तक है शुभ मुहूर्त, This is how you can worship Lord Shri Ram on Ram Navami, auspicious time is till 1:35 pm
Ram Navami 2025
Ram Navami 2025 चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान राम का इस धरती पर अवतार हुआ था। इसी दिन को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं, भगवान राम की पूजा-अर्चना करते हैं रामलला का जन्म कर्क लग्न और पुनर्वसु नक्षत्र में मध्य दोपहर में हुआ था और इस चलते दोपहर के समय भगवान राम की पूजा का शुभ मुहूर्त पड़ता हइस दिन प्रभु श्री राम की पूजा करने के साथ मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की जाती है। इसके साथ ही नवरात्रि भी समाप्त हो जाती है।
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राम नवमी पूजा मुहूर्त (Ram Navami 2025 Puja Muhurat)
Ram Navami 2025 राम नवमी के दिन पूजा का विशेष महत्व होता है और शुभ मुहूर्त में पूजा करना फलदायी माना जाता है। राम नवमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 6 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 8 मिनट से दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक का है। वहीं, राम नवमी का मध्याह्न मुहूर्त सुबह 11 बजकर 7 मिनट से लेकर से दोपहर 12 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप पूजा-पाठ कर सकते हैं।
राम नवमी पूजा विधि (Ram Navami 2025 Puja Method)
- राम नवमी के दिन सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- घर के मंदिर को साफ करें और भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करें।
- पूजा शुरू करने से पहले हाथ में जल, अक्षत और पुष्प लेकर व्रत का संकल्प लें।
- भगवान का आह्वान करें।
- मूर्तियों को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं।
- फिर उन्हें नए वस्त्र और आभूषण अर्पित करें।
- भगवान को फल, फूल, मिठाई और विशेष रूप से पंजीरी और खीर का भोग लगाएं।
- पूजा में तुलसी दल जरूर शामिल करें।
- धूप, दीप और कपूर से आरती करें।
करें श्रीराम के मंत्रों का जाप
- ऊँ रां रामाय नम:।।
- आपदामपहर्तार दातारं सर्वसंपदाम्। लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम्।।
- रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेदसे। रघुनाथाय नाथाय सीताया: पतये नम:।।
- ॐ दशरथये विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि, तन्नो राम प्रचोदयात्॥
- राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे। सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने।।

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