इस साल रक्षाबंधन पर रहेगा भद्रा काल का साया, जानें अशुभ दिन रहने की वजह

इस साल रक्षाबंधन पर रहेगा भद्रा काल का साया, जानें अशुभ दिन रहने की वजह This year the shadow of Bhadra Kaal will remain on Rakshabandhan

इस साल रक्षाबंधन पर रहेगा भद्रा काल का साया, जानें अशुभ दिन रहने की वजह

Bhadra Kaal on Rakshabandhan

Modified Date: November 29, 2022 / 07:31 pm IST
Published Date: August 9, 2022 5:55 am IST

Bhadra Kaal on Rakshabandhan: नई दिल्ली। रक्षाबंधन भाई बहन के रिश्ते को मजबूत करने का त्योहार है। इस साल यह त्योहार 11 और 12 अगस्त को मनाया जाएगा। भाई बहन के इस पावन त्योहार को लेकर इस साल थोड़ी दुविधा बनी हुई है। रक्षाबंधन का त्योहार सावन महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है और इस साल पूर्णिमा 11 अगस्त के प्रातः 9:35 बजे हो रहा है जो 12 अगस्त प्रातः 7:17 बजे तक रहेगा लेकिन 11 अगस्त को पूर्णिमा के साथ भद्रा काल की उपस्थिति भी हो रही है जो कि रात्रि 8 बजे तक रहेगी।

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भद्रा काल में रक्षाबंधन मनाना थोड़ा अशुभ माना जा रहा है क्योंकि भद्रा काल में शुभ कार्यों को करने की मनाही है। इसलिए यदि उदया तिथि की मानें तो रक्षाबंधन भद्रा लगने की वजह से 12 अगस्त को ही मानना ठीक रहेगा।

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जानकारी के अनुसार भद्रा शनि देव की बहन हैं और उन्हें काफी क्रूर स्वभाव का माना जाता है। ज्योतिष की मानें तो भद्रा एक विशेष काल होता है और इसमें कोई भी शुभ काम नहीं करने की सलाह दी जाती है।

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Bhadra Kaal on Rakshabandhan: ऐसा माना जाता है कि भद्रा का साया होने पर यदि कोई भी कार्य किया जाता है तो वह अशुभ ही हो जाता है। इस दौरान शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन, रक्षा सूत्र बांधना आदि की मनाही होती है। सीधे शब्दों में भद्रा काल को बेहद अशुभ माना जाता है।

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