आखिर गंगा में ही क्यों करते है अस्थियां प्रवाहित, जानें इसके पीछे की अनोखी रहस्यमयी कथा

Why do the ashes flow in the Ganges only : अस्थि विसर्जन का विधान मात्र गंगा नदी में ही किये जाने का उल्लेख मिलता है।

आखिर गंगा में ही क्यों करते है अस्थियां प्रवाहित, जानें इसके पीछे की अनोखी रहस्यमयी कथा

Why do the ashes flow in the Ganges only

Modified Date: March 11, 2023 / 03:13 pm IST
Published Date: March 11, 2023 3:13 pm IST

Why do the ashes flow in the Ganges only : नई दिल्ली। हमारे वेद पुराणों में कई नदियों का उल्लेख मिलता है। वहीं भारत में गंगा, ब्रह्मपुत्र, गोदावरी, नर्मदा, यमुना, सिंधु, कावेरी, ताप्ती, सरयू जैसी और भी अन्य नदियों को देवी का दर्जा दिया गया है। इतना ही नहीं यह भारत की सबसे पवित्र नदियां भी है। यूं तो धर्म ग्रंथों में सभी नदियों को पवित्र माना गया है लेकिन अस्थि विसर्जन का विधान मात्र गंगा नदी में ही किये जाने का उल्लेख मिलता है। इसके पीछे क्या कारण है आज हम जानेंगे।

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भगवान कृष्ण का मिलता है साथ

Why do the ashes flow in the Ganges only : हिन्दू धर्म ग्रंथों और शास्त्रों में वर्णित कथाओं ने न सिर्फ गंगा का महत्व बताया है बल्कि गंगा में अस्थियां बहाने के पीछे का भी कारण समझाया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि गंगा नदी को श्री कृष्ण (नहीं हुए थे श्री कृष्ण के 16 हजार विवाह) का आशीर्वाद प्राप्त है। जिसके तहत मरने वाले की अस्थियां गंगा में बहाने से उस मृत आत्मा को भगवान श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है और जितने दिन तक अस्थियाओं में बची हड्डियां गंगा में तैरती या बसी रहती हैं उतने दिन उस मृत आत्मा को श्री कृष्ण के गोलोक धाम में रहने का अवसर मिलता है।

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स्वर्ग का खुलता है द्वार

Why do the ashes flow in the Ganges only : गंगा नदी में अस्थियां प्रवाहित करने से मृत व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि भागीरथ माता गंगा को स्वर्ग से ही पृथ्वी पर लाये थे। ऐसे में जिस भी व्यक्ति की अस्थियां गंगा में बहाई जाती हैं उसकी आत्मा को स्वर्ग लोग में रहने और वहां के आनंद उठाने का मौका मिलता है। हालांकि यह व्यक्ति के कर्मों के अनुसार भी है। यानी कि अगर किसी ने बुरे कर्म किये हैं और उसकी अस्थियां गनग में बहाई गई हैं तो उसे स्वर्ग की प्राप्ति होगी लेकिन वहां रहने का समय उसके कर्मों के आधार पर निर्धारित होगा। माना जाता है कि गंगा में अस्थियां बहाने पर मृत व्यक्ति को ब्रह्मलोक भी मिलता है।

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60 हजार बेटों का हुआ था उद्धार

धर्म शास्त्रों में राजा सगर की कथा भी प्रचलित है। जिसके अनुसार, राजा सगर के 60 हजार पुत्रों की कपिल मुनि के श्राप से मृत्यु हो गई थी। इन्हीं की मुक्ति के लिए राजा सगर के वंशज भागीरथ ने तपस्या कर मां गंगा (आखिर गंगा मां ने क्यों मार दिए थे अपने 7 बेटे) को पृथ्वी पर बुलाया था। जिसके बाद सगर के सभी पुत्रों को मुक्ति मिल गई थी।

 

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लेखक के बारे में

Shyam Bihari Dwivedi, Content Writter in IBC24 Bhopal, DOB- 12-04-2000 Collage- RDVV Jabalpur Degree- BA Mass Communication Exprince- 5 Years