UCC In Uttarakhand / Image Credit: IBC24
नई दिल्ली: UCC In Uttarakhand: उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार ने UCC यानी समान नागरिक संहिता कानून को लागू करते हुए इतिहास रच दिया है। उत्तराखंड ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। सीएम धामी ने जहां इसे उत्तराखंड में समानता लाने की बात कही, तो कांग्रेस इसे बांटने का आरोप लगा रही है। UCC लागू होने से क्या कुछ बदल जाएगा ।
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UCC In Uttarakhand: उत्तराखंड देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है। जहां UCC यानी समान नागरिक संहिता लागू हो गई और इसी के साथ अब उत्तराखंड में विवाह, तलाक और संपत्ति से जुड़े कानून पूरी तरह बदल जाएंगे। अब से उत्तराखंड में 6 महीने के अंदर विवाह और लिव इन रिलेशन का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। वहीं माता-पिता के साथ-साथ बेटे और बेटी को भी संपत्ति में अधिकार मिलेगा। इसी के साथ मुस्लिम समाज की हलाला और बहुविवाह प्रथा पर रोक लग जाएगी और 18 साल से पहले शादी नहीं हो सकेगी। इसके साथ ही यूसीसी में शादी के साथ तलाक के रजिस्ट्रेशन,पूरी संपत्ति की वसीयत पर छूट और दूसरे धर्म के बच्चो को गोद नहीं लेने का प्रावधान किया गया है। यूसीसी लागू करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि -यूसीसी लागू होने के साथ ही उत्तराखंड के सभी निवासियों के अधिकार एक समान हो गए हैं।
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UCC In Uttarakhand: सीएम धामी ने इस बात पर भी जोर दिया कि- समान नागरिक संहिता किसी भी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं है। यह समाज में समानता लाने का कानूनी प्रयास है। इसमें किसी प्रथा को नहीं बदला गया है बल्कि कुप्रथा को खत्म किया गया है।