PM Kisan Yojana: इन किसानों को नहीं मिलेगी पीएम किसान निधि, खाद और बीज, सरकार ने जारी किया फरमान

PM Kisan Yojana: सरकारी योजनाओं का लाभ चाहिए तो किसान पहचान पत्र बनवाना जरूरी होगा। इसके बिना ना तो आपको सब्सिडी वाली खाद या बीज मिलेंगे और न ही पीएम किसान सम्मान निधि योजना का पैसा खाते में आएगा।

PM Kisan Yojana: इन किसानों को नहीं मिलेगी पीएम किसान निधि, खाद और बीज, सरकार ने जारी किया फरमान

PM Kisan Yojana 19th Installment/ Image Credit: IBC24 File Photo

Modified Date: October 30, 2025 / 07:59 pm IST
Published Date: October 30, 2025 7:59 pm IST
HIGHLIGHTS
  • फार्मर आईडी बनाने के लिए चल रहा विशेष अभियान
  • पीएम किसान की 21वीं किस्त के लिए जरूरी है ये काम
  • जानें कैसे बनेगा किसान पहचान पत्र

PM Kisan Yojana: देश भर के करोड़ों किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं किस्त का इंतजार है। इस बीच यूपी सरकार ने बड़ा आदेश जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि बिना किसान आईडी के इस सरकारी योजना का कोई लाभ नहीं दिया जाएगा।

जिन किसानों ने अभी तक किसान पहचान पत्र (Farmer ID) नहीं बनवाई है, उन्हे उत्तर प्रदेश में सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। यूपी सरकार ने फरमान जारी करते हुए एक बार फिर से स्पष्ट कर दिया है।जिसमें कहा गया है कि सरकारी योजनाओं का लाभ चाहिए तो किसान पहचान पत्र बनवाना जरूरी होगा। इसके बिना ना तो आपको सब्सिडी वाली खाद या बीज मिलेंगे और न ही पीएम किसान सम्मान निधि योजना का पैसा खाते में आएगा।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग के प्रमुख सचिव रविंद्र ने बुधवार को बयान जारी करते हुए कहा कि किसान पहचान पत्र से ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में किसानों को कृषि संबंधी पहचान पत्र (Farmer ID) देने के लिए भारत सरकार की एग्रीस्टैक योजना के अन्तर्गत पहचान पत्र बनाये जा रहे हैं। अभी यूपी में 1,50,69,897 (57%) किसान पहचान पत्र बना चुके हैं। लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में किसानों ने इस काम को पूरा नहीं किया है।

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फार्मर आईडी बनाने के लिए चल रहा विशेष अभियान

प्रमुख सचिव रविंद्र के मुताबिक मुख्य सचिव के निर्देशन में 16 अक्टूबर, 2025 से किसान पहचान पत्र बनाने का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के दौरान कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग की संयुक्त टीम द्वारा गांवों में कैंप लगाकर किसान पहचान पत्र बनाए जा रहे हैं। इस किसान पहचान पत्र के आधार पर ही किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई समीक्षा बैठक में इस काम को जल्द पूरा करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

जानें कैसे बनेगा किसान पहचान पत्र

किसान पहचान पत्र बनवाने के लिए यूपी सरकार की ओर से विशेष कैंप लगाए जा रहे हैं। आप अपने नजदीक के गांव के कैंप में यह काम करा सकते हैं। आपको आधार कार्ड और खेती से संबंधित दस्तावेज लेकर जाना होगा। आप चाहें तो खुद घर बैठे ऑनलाइन भी यह काम कर सकते हैं। इसकी पूरी प्रक्रिया आप ‘फार्मर आईडी कैसे बनेगा’ पर क्लिक करके जान सकते हैं।

पीएम किसान की 21वीं किस्त के लिए जरूरी है ये काम

PM Kisan Yojana, बता दें कि पीएम किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त का कभी भी ऐलान किया जा सकता है। ऐसे में प्रशासन की ओर से पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है कि उन किसानों के खाते में ही 2000 रुपये आएंगे, जिन्होंने फार्मर आईडी यानी किसान पहचान पत्र बनवा लिया है। माना जा रहा है कि पीएम किसान की 21वीं किस्त नवंबर के पहले हफ्ते में जारी हो सकती है। ऐसे में जिन किसानों ने यह काम नहीं किया है, वो जल्द से जल्द इस काम को पूरा कर लें। वरना उनकी यह निधि अटक सकती है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer और शिफ्ट इंचार्ज हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है।