नई दिल्ली । अटल पेंशन योजना आज कई लोगों के बुढ़ापों का सहारा है। इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 मई 2015 को की थी। इस योजना के तहत, योग्य भारतीय नागरिकों को नियमित पेंशन प्राप्त करने का अवसर मिलता है। अटल पेंशन योजना भारत सरकार द्वारा समर्थित एक योजना है। अटल पेंशन योजना को विशेष रूप से गरीबों, वंचितों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली के निर्माण के उदेश्य से शुरू किया गया था। यह योजना 18 से 40 वर्ष की आयु के सभी बैंक खाताधारकों के लिए खुली है तथा योगदान चुनी गई पेंशन राशि के आधार पर अलग-अलग हैं। योजना का लाभ लेने वाले को उनके द्वारा दिए गए अंशदान के हिसाब से पेंशन दी जाती है। अभिदाता को 60 वर्ष की आयु पर 1000 रु. अथवा 2000 रु. अथवा 3000 रु. अथवा 4000 रु. अथवा 5000 रु. की न्यूनतम गारंटीशुदा मासिक पेंशन प्राप्त होगी।
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योजना का लाभ यह है कि मासिक पेंशन अभिदाता को दी जाएगी, और उसके बाद उनके पति या पत्नी तथा उनकी मृत्यु के पश्चात अभिदाता की 60 वर्ष की आयु तक संचित पेंशन कॉर्पस को उनके नामिति को लौटा दिया जाएगा।
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आयु सीमा : योजना के अंतर्गत लाभ पाने के लिए आयु सीमा 18 से 40 वर्ष के बीच होनी है। इस आयु सीमा के लोग इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
नियमित पेंशन का रास्ता : योजना में शामिल होने वाले नागरिकों को उनकी वृद्धावस्था में नियमित पेंशन का लाभ मिलता है। पेंशन राशि आयु और योगदान के आधार पर निर्धारित की जाती है।
वृद्धावस्था के लिए बीमा : अटल पेंशन योजना में शामिल होने वाले नागरिकों को वृद्धावस्था का बीमा भी प्रदान किया जाता है। इससे योजना सदस्य की मृत्यु के मामले में परिवार को आर्थिक सहायता मिलती है।
पैसे की गारंटी: एपीवाई योजना में शामिल होने वाले नागरिकों को पेंशन की गारंटी प्रदान की जाती है। उन्हें योजना के अंत में निर्धारित समय में पेंशन राशि मिलेगी।
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