50 साल तक हम अमेरिका को शक की नजर से देखते रहे। अमेरिका द्वारा स्पष्ट लाभ की पेशकश के बावजूद हम 2008 के परमाणु समझौते के दौरान संघर्ष करते रहे क्योंकि अमेरिका के प्रति हमारे सहज और गहरे संदेह ने हमें पीछे कर दिया: कोलंबिया विश्वविद्यालय में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर,न्यूयॉर्क pic.twitter.com/vdALYQNE9n
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 21, 2022