चिंतन शिविर में स्कूली खेल, प्रशिक्षकों और खिलाड़ियों के कल्याण पर बनी आम सहमति
चिंतन शिविर में स्कूली खेल, प्रशिक्षकों और खिलाड़ियों के कल्याण पर बनी आम सहमति
हैदराबाद, आठ मार्च (भाषा) खेल मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में यहां आयोजित किए गए दो दिवसीय चिंतन शिविर के दूसरे और अंतिम दिन शनिवार को स्कूली खेलों को बढ़ावा देने, प्रतिभा की पहचान और अच्छे प्रशिक्षकों को तैयार करने पर आम सहमति बनी।
चिंतन शिविर में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खेल मंत्रियों और अन्य प्रमुख हितधारकों के बीच इस बात को लेकर सहमति बनी कि भारत के 2036 ओलंपिक की मेजबानी के सपने को साकार करने और 2028 में लॉस एंजिल्स में होने वाले ओलंपिक खेलों में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए आपसी सहयोग जरूरी है।
मांडविया ने कहा कि चिंतन शिविर में चर्चाएं सम्मेलन कक्ष की चार दीवारों तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने आग्रह किया कि उन्हें 2047 तक प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए खेलों के क्षेत्र में आगे बढ़कर अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभानी चाहिए।
कान्हा शांति वनम में आयोजित किए गए चिंतन शिविर के पहले दिन केंद्र सरकार तथा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच खेल विकास और शासन पर चर्चा हुई।
इस विशिष्ट शिविर के दूसरे दिन हितधारक इस बात पर सहमत हुए कि स्कूली खेलों को बढ़ावा देने, अच्छे प्रशिक्षक तैयार करने और खिलाड़ियों के कल्याण पर नए सिरे से काम किया जाना चाहिए।
खेल मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘इस बात पर सहमति बनी कि प्रतिभा की पहचान जल्दी शुरू होनी चाहिए। इसके लिए एक मजबूत तंत्र तैयार किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित के आ जा सके की कोई संभावित प्रतिभा गुमनाम नहीं रहे।’’
मांडविया ने कहा, ‘‘सभी इस बात पर सहमत थे कि 2036 में होने वाले ओलंपिक खेलों में शीर्ष 10 में जगह बनाने के लिए भारत को प्रतिभा की पहचान और विकास जल्दी शुरू करना होगा।’’
भाषा
पंत नमिता
नमिता

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