दीपक काबरा ओलंपिक में पहले भारतीय जिम्नास्टिक जज बने

दीपक काबरा ओलंपिक में पहले भारतीय जिम्नास्टिक जज बने

दीपक काबरा ओलंपिक में पहले भारतीय जिम्नास्टिक जज बने
Modified Date: November 29, 2022 / 08:39 pm IST
Published Date: July 13, 2021 11:49 am IST

नयी दिल्ली, 13 जुलाई ( भाषा ) दीपक काबरा ओलंपिक खेलों की जिम्नास्टिक स्पर्धा में जज के तौर पर चुने जाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं ।

वह 23 जुलाई से शुरू हो रहे तोक्यो ओलंपिक में पुरूषों की लयबद्ध जिम्नास्ट स्पर्धा में जज होंगे ।

उन्होंने पीटीआई से कहा ,‘‘ मुझे पिछले साल मार्च में निमंत्रण मिला था लेकिन ओलंपिक स्थगित हो गए । इसके बाद एक साल से मैं इंतजारक रहा था ।’’

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उन्होंने कहा ,‘‘ मुझे अप्रैल में पुष्टि मिल गई थी लेकिन कोरोना महामारी के कारण आशंका थी कि ओलंपिक होंगे भी या नहीं । मुझे खुशी है कि ओलंपिक का हिस्सा बनने का मेरा सपना पूरा हो रहा है।’’

महाराष्ट्र के इस 33 वर्षीय एथलीट ने जिम्नास्टिक चुना लेकिन जल्दी ही समझ गए कि वह इसमें बड़े स्तर तक नहीं जा सकेंगे ।

उन्होंने कहा ,‘‘मैने 2000 में 12 वर्ष की उम्र में खेलना शुरू किया । मैं सूरत में रहता था और उस समय सुविधायें अच्छी नहीं थी । मैने राष्ट्रीय स्तर पर खेला लेकिन मैं समझ गया था कि बतौर खिलाड़ी मेरा भविष्य नहीं है क्योंकि मेरे बेसिक्स उतने मजबूत नहीं थे । मुझे जजिंग का जुनून था और अपने कोच कौशिक बेदीवाला से प्रेरणा लेकर मैं जज बन गया ।’’

बतौर जज 2010 राष्ट्रमंडल खेल उनका पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट था । वह 2014 एशियाई खेलों युवा ओलंपिक में में भी जज रहे ।

उन्होंने इसके बाद 2018 में एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों, अर्जेंटीना में युवा ओलंपिक, विश्व कप जैसे अन्य अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में भी जज की भूमिका निभायी।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में सबसे कम उम्र का जज था। मैंने अब तक लगभग 20 प्रमुख आयोजनों में भाग लिया है। केवल ओलंपिक ही बचा हुआ था, अब मैं इसमें भी भाग लेने जा रहा हूं।’’

एशियाई जिम्नास्टिक्स संघ की तकनीकी समिति के सदस्य के रूप में 2018 में नियुक्त किए गए काबरा ने कहा, ‘‘ओलंपिक तक पहुंचने में कम से कम 12 साल लगते हैं और मैं इसे अपने करियर के 12वें साल में पहुंचने पर खुद को भाग्यशाली मानता हूं।’’

तोक्यो में भारतीय जिम्नास्टिक का प्रतिनिधित्व प्रणति नायक करेंगी, जिन्होंने 2019 एशियाई कलात्मक जिमनास्टिक में कांस्य पदक जीता था।

दीपा करमाकर देश की सबसे लोकप्रिय जिमनास्ट रही है, रियो खेलों में महिलाओं के वॉल्ट फाइनल में चौथे स्थान पर रही थी।

भाषा मोना आनन्द

आनन्द


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