मेस्सी के कोलकाता में हुए कार्यक्रम में अफरा-तफरी पर भूटिया ने कहा, निराशाजनक
मेस्सी के कोलकाता में हुए कार्यक्रम में अफरा-तफरी पर भूटिया ने कहा, निराशाजनक
रायपुर, 13 दिसंबर (भाषा) भारत के पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया ने शनिवार को अर्जेंटीना के स्टार फुटबॉलर लियोनेल मेस्सी के कोलकाता कार्यक्रम के दौरान स्टेडियम में हुई अफरा-तफरी पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि आयोजकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं हों क्योंकि इससे देश की छवि खराब होती है।
भूटिया जगदलपुर में ‘बस्तर ओलंपिक 2025’ के समापन समारोह में हिस्सा लेने के बाद लौट रहे थे।
उन्होंने कोलकाता के सॉल्ट लेक स्टेडियम में हुई घटना के बारे में पूछने पर यहां हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘‘यह थोड़ा निराशाजनक है क्योंकि मैंने सुना है कि लगभग 80,000 फुटबॉल प्रशंसक आए थे। हर कोई मेस्सी से प्यार करता है, लेकिन उनके प्रशंसक उन्हें देख नहीं पाए जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। ’’
उन्होंने उम्मीद जताई कि आयोजक इससे सबक लेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी स्थिति दोबारा नहीं हो।
भूटिया ने कहा, ‘‘इससे देश की छवि भी खराब होती है। ’’
उन्होंने ‘पीटीआई वीडियो’ से बात करते हुए कहा कि मेस्सी का दौरा एक अच्छी पहल थी लेकिन खराब आयोजन के कारण यह अव्यस्थित हो गया जिससे फुटबॉल प्रशंसक अपने आदर्श को नहीं देख पाए।
भूटिया ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह एक बहुत अच्छा दौरा था, लेकिन दुर्भाग्य से चीजें योजना के अनुसार नहीं हुईं। मुझे लगता है कि आयोजकों पर बहुत दबाव था। हमने जो देखा और सुना, उसके अनुसार बहुत सारे गैर-जरूरी वीआईपी स्टेडियम में आ गए और मेस्सी को घेर लिया जबकि उनके प्रशंसक उन्हें नहीं देख पाए। मुझे उम्मीद है कि आगे इस तरह की घटना नहीं होगी। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘आयोजकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके प्रशंसक अपने आदर्श और फुटबॉल नायक को देख सकें। अब हर प्रशंसक बहुत दुखी होगा क्योंकि कुछ लोग बहुत दूर से आए हैं। हमने देखा कि बहुत सारे प्रशंसक पूर्वोत्तर से भी आए थे और बंगाल से भी। जब आप पैसे देकर मेस्सी को देखने आते हैं, जिनकी लोग पूजा करते हैं और आप बहुत सारे गैर-जरूरी और खुद को वीआईपी कहने वाले लोगों के कारण उन्हें नहीं देख पाते तो यह बहुत मुश्किल हो जाता है। ’’
भारत में फुटबॉल के बारे में पूछे जाने पर भूटिया ने कहा कि यह फिलहाल बहुत अच्छी स्थिति में नहीं है ‘लेकिन उम्मीद है कि भविष्य में यह ठीक हो जाएगा’।
उन्होंने छत्तीसगढ़ में ‘बस्तर ओलंपिक’ टूर्नामेंट की भी तारीफ करते हुए इसे युवाओं को, खासकर नक्सल प्रभावित इलाकों के युवाओं को खेलों से जोड़ने की एक अच्छी पहल बताया।
भाषा नमिता
नमिता

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