आईपीएल में अधिक रकम मिलने का यह मतलब नहीं कि गेंद अचानक से स्विंग होने लेगेगी: कमिंस

आईपीएल में अधिक रकम मिलने का यह मतलब नहीं कि गेंद अचानक से स्विंग होने लेगेगी: कमिंस

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  • Publish Date - March 15, 2021 / 09:56 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:50 PM IST

सिडनी, 15 मार्च (भाषा) ऑस्ट्रेलियाई तेज आक्रमण के अगुवा पैट कमिंस का मानना है कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की नीलामी में बड़ी धन राशि हासिल करने वाले खिलाड़ियों पर अलग तरह का दबाव रहता है क्योंकि इससे बेहतर प्रदर्शन की गारंटी नहीं मिलती।

कोलकाता नाइट राइडर्स ने 2019 की नीलामी में इस खिलाड़ी के लिए 15.50 करोड़ रूपये की बोली लगाई थी और वह इस लीग के सबसे महंगे खिलाड़ियों में से एक है।

हाल ही में इस साल के लिए हुई नीलामी में क्रिस मौरिस सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी बने। राजस्थान रॉयल्स ने दक्षिण अफ्रीका के इस हरफनमौला के लिए 16.25 करोड़ रूपये की बोली लगायी थी।

कमिंस ने कहा कि पेशेवर क्रिकेट में खिलाड़ियों पर बेहतर प्रदर्शन का दबाव होता हैं।

उन्होंने अपनी आईपीएल फ्रेंचाइजी केकेआर की आधिकारिक वेबसाइट से कहा, ‘‘ आप कहीं पर भी पेशेवर क्रिकेट खेले, आप पर काफी दबाव रहता है। अगर आप अच्छा प्रदर्शन कर के मैदान पर उतरते है तो उसे फिर से दोहराने का दबाव होता है। अगर आप खराब प्रदर्शन कर के आते है तो आप पर बेहतर करने का दबाव होता है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि नीलामी से अलग तरह का दबाव आता है। हम इससे सामंजस्य बैठाने की कोशिश करते है। आप को अधिक पैसे में खरीदा गया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि गेंद अचानक अधिक स्विंग करने लगेगी है या विकेट अचानक से घसियाली हो जाएगी या सीमा-रेखा बड़ी हो जाएगी।’’

कमिंस ने पिछले सत्र में 14 मैचों में 12 विकेट लिये थे और इस दौरान उनका इकॉनोमी रेट 7.86 का था। उनकी टीम प्लेऑफ में क्वालीफाई करने से चूक गयी थी।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं उस पर ध्यान देने की कोशिश कर रहा था जो मेरे नियंत्रण में था। मुझे लगता है इसी से मुझे और केकेआर को सफलता मिल सकती है।’’

उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के मुकाबले भारत या यूएई में गेंदबाजी करना मुश्किल है।

उन्होंने कहा, ‘‘ ऑस्ट्रेलिया की तुलना में यहां भारत या यूएई की पिच अलग तरह की है। मैदान छोटे हैं। ऐसे में आप सीखने की कोशिश करते है और अलग तरीका अपनाते है। टीम में कुछ शानदार लोग हैं जिनसे काफी कुछ सीखा जा सकता है।’’

भाषा आनन्द मोना

मोना