भारत सरकार का फोकस खेलों पर, ओलंपिक की मेजबानी दूर की बात नहीं : एफआईएच अध्यक्ष तैयब इकराम
भारत सरकार का फोकस खेलों पर, ओलंपिक की मेजबानी दूर की बात नहीं : एफआईएच अध्यक्ष तैयब इकराम
(मोना पार्थसारथी)
चेन्नई , सात दिसंबर (भाषा) भारत की मेजबानी में होने वाले राष्ट्रमंडल खेल 2030 में हॉकी की मजबूती से वापसी का दावा करते हुए अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ के अध्यक्ष तैयब इकराम ने कहा कि खेलों पर भारत सरकार के फोकस को देखते हुए ओलंपिक की मेजबानी अब दूर की बात नहीं है ।
भारत को दो दशक बाद राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी मिली है जो 2030 में अहमदाबाद में आयोजित होंगे जिसे 2036 ओलंपिक की भारत की दावेदारी पुख्ता करने के लिये एक अहम कदम माना जा रहा है ।
यहां जूनियर हॉकी विश्व कप से इतर भाषा को दिये विशेष इंटरव्यू में भारत की ओलंपिक की मेजबानी की दावेदारी के बारे में पूछने पर इकराम ने कहा ,‘‘ हमें इस तरह की उम्मीदवारी पसंद है और यह अच्छा भी है क्योंकि इसमे अलग हितधारक और प्रतिस्पर्धी होंगे । राष्ट्रमंडल खेल 2030 भी भारत में हो रहे है ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ इस समय भारत सरकार का फोकस खेलों और खेलों की मेजबानी पर है लिहाजा ओलंपिक की मेजबानी बहुत दूर की बात नहीं है ।’’
ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेल 2026 में बजट में कटौती के लिये कई खेलों को रोस्टर से हटाया गया है जिनमे हॉकी भी शामिल है लेकिन एफआईएच अध्यक्ष ने विश्वास जताया कि 2030 में हॉकी की मजबूती से वापसी होगी ।
उन्होंने कहा ,‘‘ अगले साल होने वाले खेल राष्ट्रमंडल खेल के लिये काफी कठिन और चुनौतीपूर्ण हैं । लेकिन हॉकी राष्ट्रमंडल का हिस्सा रही है और हमेशा रहेगी । हमारी राष्ट्रमंडल खेल से लगातार अच्छी बातचीत हो रही है और 2030 में हॉकी की और मजबूती से वापसी होगी ।’‘
व्यावसायिक दृष्टि से भारत को वैश्विक हॉकी का महत्वपूर्ण साझेदार बताते हुए एफआईएच अध्यक्ष ने कहा कि खेल को क्रिकेट या बाकी खेलों की तरह लोकप्रिय बनाने के लिये भारत बड़ा मंच है और यही वजह है कि यहां पिछले एक दशक में काफी वैश्विक हॉकी टूर्नामेंट आयोजित किये गए हैं ।
भारत में 2016 पुरूष जूनियर विश्व कप (लखनऊ), 2014 चैम्पियंस ट्रॉफी (भुवनेश्वर), 2018 सीनियर पुरूष विश्व कप (भुवनेश्वर), 2023 सीनियर पुरूष विश्व कप (भुवनेश्वर और राउरकेला) के अलावा महिला और पुरूष एशिया कप और एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी का भी आयोजन किया गया है ।
इकराम ने कहा ,‘‘ यह भारत ही नहीं बल्कि विश्व हॉकी के लिये भी महत्वपूर्ण है । भारत हॉकी का घर हैं और यहां लोग खेलों से प्यार करते हैं । क्रिकेट यहां काफी लोकप्रिय है लेकिन भारत में एफआईएच और अन्य एशियाई टूर्नामेंटों की मेजबानी से दर्शक हॉकी की ओर भी आ रहे हैं । मेरे लिये यह बहुत अहम है कि हॉकी उस स्तर पर पहुंचे जहां क्रिकेट जैसे दूसरे खेल हैं ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ भारत यह साबित करने के लिये सबसे बड़ा मंच है और यह हो रहा है । हमे सबसे ज्यादा दर्शक संख्या भारत से मिल रही है जो यह अपने आप में सब कुछ कहता है ।’’
जूनियर पुरूष हॉकी विश्व कप में पहली बार महिला अंपायरों की नियुक्ति की गई है और इकराम ने इसे लैंगिक समानता की एफआईएच की मुहिम का अहम कदम बताया ।
उन्होंने कहा ,‘‘ यह खेलों में महिला सशक्तिकरण की अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति और संयुक्त राष्ट्र की मुहिम का हिस्सा है । एफआईएच समानता, विविधता और समावेशिता का पक्षधर रहा है । यह हमारा प्रोजेक्ट और थीम है जो सिर्फ समान संख्या में अधिकारियों या खिलाड़ियों को लेकर नहीं है बल्कि सामर्थ्य निर्माण के बारे में भी है ताकि भविष्य में मजबूत महिला अधिकारी , खिलाड़ी और नायक निकल सके । यह एफआईएच की सशक्तिकरण और जुड़ाव की नीति के काफी करीब है ।’’
भाषा पंत
पंत

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