चोट ने बर्बाद कर दिया इन खिलाड़ियों का करियर, किसी की नाक तो किसी के कान पर लगी चोट, एक की तो हो गई मौत

खिलाड़ियों का चोट से पुराना नाता रहा हैं। अक्सर हमे सुनने को मिलता है कि अमुख खिलाड़ी चोट की वजह से मैच से बाहर हो गया। रोहित, धवन, बुमराह, से लेकर कई बड़े-बड़े खिलाड़ी इसका शिकार हो जाते हैं।

चोट ने बर्बाद कर दिया इन खिलाड़ियों का करियर, किसी की नाक तो किसी के कान पर लगी चोट, एक की तो हो गई मौत
Modified Date: November 29, 2022 / 08:05 pm IST
Published Date: May 5, 2022 3:00 pm IST

नई दिल्ली । खिलाड़ियों का चोट से पुराना नाता रहा हैं। अक्सर हमे सुनने को मिलता है कि अमुख खिलाड़ी चोट की वजह से मैच से बाहर हो गया। रोहित, धवन, बुमराह, से लेकर कई बड़े-बड़े खिलाड़ी इसका शिकार हो जाते हैं। हाल के दिनो की बात करें तो दीपक चाहर चोटिल होने की वजह से आईपीएल नही खेल पा रहे हैं। ऐसे कई खिलाड़ी है जो लंबे समय तक चोटिल होने के कारण अपना लय को देते है और उनका क्रिकेट कैरियर धीरे धीरे हाशिए में चला जाता हैं। आज हम उन्हीं खिलाड़ियों के बारें में बात करेंगे। जिनमे टैलेंट तो बहुत था लेकिन शरीर ने उनका साथ नहीं दिया और उनका करियर खत्म हो गय़ा।

Read more : ‘अनेक’ का ट्रेलर आउट, एक्शन अवतार मे दिखे आयुष्मान, फैंस बोलें – सबका गेम ओवर…

फिल ह्यूज (ऑस्ट्रेलिया)

25 नवंबर 2014 को सिडनी के मैदान में साउथ ऑस्ट्रेलिया और न्यू साउथ वेल्स के बीच शेफ़ील्ड शील्ड टूर्नामेंट का मैच चल रहा था। ह्यूज़ उस वक़्त 63 रन पर बल्लेबाज़ी कर रहे थे, तभी न्यू साउथ वेल्स के सीन एबॉट ने बाउंसर फेंका, ह्यूज़ ने गेंद को हुक करने की कोशिश की, लेकिन गेंद हेलमेट के नीचे गर्दन के पास लगी। एबॉट की गेंद बायें कान के ठीक नीचे लगी। ह्यूज को उसी वक्त सेंट विसेंट अस्पताल ले जाया गया। ह्यूज़ की चोट एक दुर्लभ और दुखद घटना थी, 27 नवंबर 2014 को डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके साथ ही क्रिकेट के उभरते हुए सितारे ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

 ⁠

Read more : देश की पहली लेस्बियन फिल्म कल सिनेमाघरों में होगी रिलीज, किसिंग सीन और बेडरूम रोमांस को लेकर आई विवादों में

सबा करीम (भारत)

सैय्यद सबा करीम ने विकेटकीपर के तौर पर भारत के लिए 1 टेस्ट और 34 वनडे मैच खेले। वो भारत के लिए और ज़्यादा मैच खेल सकते थे, लेकिन साल 2000 में विकेटकीपिंग करते वक़्त चोट का शिकार हो गए। वो एक अच्छे विकेटकीपर थे, उनके पास लंबे वक़्त तक टीम इंडिया के लिए खेलने की क़ाबिलियत थी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। कुंबले की एक गेंद सबा करीम की आंख में लगी और सबा के करियर का अंत हो

Read more : विधानसभा दौरे के दूसरे दिन रामानुजगंज पहुंचे CM भूपेश, ग्राम डौरा में आत्मानंद स्कूल और सासु नदी में पुल बनाने की घोषणा

मार्क बाउचर (दक्षिण अफ़्रीका)

मार्क बाउचर को 9 जुलाई 2012 को बाएं आंख में बेल से ज़बरदस्त चोट लगी थी, उन्होंने न तो हेल्मेट पहना था और न ही कोई चश्मा। इमरान ताहिर ने समरसेट टीम के जेमाल हुसैन के ख़िलाफ़ गेंदबाज़ी कर रहे थे तब गिल्ली उड़कर बाउचर की बाईं आंख पर लग गई। इसके बाद बाउचर को आंख की सर्जरी के लिए भेजा गया और वो पूरे टूर से बाहर हो गए।चोट काफ़ी गहरी थी, ऐसे में बाउचर ने 10 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। उनकी आंखों की रोशनी 80 से 85 फ़ीसदी चली गई, ऐसे में उनका रात की रोशनी में खेलना नामुमकिन हो गया।

Read more : महासमुंदः आंगनबाड़ी केन्द्र के खाने में मिली छिपकली, 16 बच्चों की बिगड़ी तबीयत 

नाथन ब्रैकेन (ऑस्ट्रेलिया)

नाथन ब्रैकेन बाएं हाथ के लंबे कद के गेंदबाज़ थे, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया की तरफ़ से 5 टेस्ट, 116 वनडे और 19 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। तीनों फ़ॉर्मेट मिलाकर उन्होंने 300 के क़रीब विकेट हासिल किए। एक बार उन्होंने आईसीसी रैंकिंग में टॉप स्थान हासिल किया था। साल 2009 में वो ‘ऑस्ट्रेलियन वनडे प्लेयर ऑफ़ द ईयर’ चुने गए थे। हालांकि घुटनों की चोट की वजह से उन्हें 31 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेना पड़ा था।

Read more : अफसरों के साथ बघेल की बात, बोले कैसे हैं आप लोग 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com