एआईएफएफ प्रमुख के साथ बातचीत विफल होने के बाद आईएसएल और आई-लीग क्लब खेल मंत्री से मिलेंगे
एआईएफएफ प्रमुख के साथ बातचीत विफल होने के बाद आईएसएल और आई-लीग क्लब खेल मंत्री से मिलेंगे
नयी दिल्ली, 12 नवंबर (भाषा) भारतीय फुटबॉल का संकट बुधवार को खेल मंत्री मनसुख मांडविया के दरवाजे तक पहुंच गया जब राष्ट्रीय महासंघ और इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) क्लबों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के बीच हुई बैठक में गतिरोध समाप्त नहीं हो सका।
आई-लीग क्लबों को भी ‘हाइब्रिड मोड’ में आयोजित इस बैठक में आमंत्रित किया गया था लेकिन उन्होंने ‘शॉर्ट नोटिस’ का हवाला देते हुए इसमें भाग नहीं लिया। क्लबों के प्रतिनिधि बृहस्पतिवार सुबह मांडविया से मिलकर कोई रास्ता निकालने की कोशिश करेंगे।
मंत्रालय के एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, ‘‘खेल मंत्री इस गतिरोध पर चर्चा के लिए आई-लीग और आईएसएल दोनों के प्रतिनिधियों से कल मुलाकात करेंगे। ’’
हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि पश्चिम बंगाल से भाजपा नेता चौबे भी इस बैठक में मौजूद रहेंगे या नहीं।
आई-लीग क्लब प्रतिनिधियों ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के महासचिव एम सत्यनारायण को एक पत्र भेजकर आईएसएल, आई-लीग (टीयर 1 और 2) सहित सभी डिविजन के लिए एक ही लीग भागीदार की मांग की।
‘फुटबॉल एंड स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड’ के जाने के बाद एआईएफएफ ने देश की शीर्ष फुटबॉल लीग को चलाने के लिए एक नए व्यावसायिक साझीदार की तलाश में बोलियां आमंत्रित की थीं लेकिन उन्हें एक भी जवाब नहीं मिला। नतीजतन आईएसएल की शुरुआत एक बार फिर स्थगित हो गई है।
आईएसएल क्लबों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ उनकी बातचीत के नतीजे के बारे में पूछे जाने पर चौबे ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं बैठक के बारे में कुछ नहीं कह सकता क्योंकि यह अनैतिक होगा। ’’
भाषा नमिता सुधीर
सुधीर

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