Kranti Gaud: छतरपुर की क्रांति गौड़ ने रचा इतिहास! महिला वर्ल्ड कप में घातक गेंदबाजी से बल्लेबाजों को चित किया, जानिए संघर्ष से सफलता की कहानी

Kranti Gaud: छतरपुर की क्रांति गौड़ ने रचा इतिहास! महिला वर्ल्ड कप में घातक गेंदबाजी से बल्लेबाजों को चित किया, जानिए संघर्ष से सफलता की कहानी

Kranti Gaud: छतरपुर की क्रांति गौड़ ने रचा इतिहास! महिला वर्ल्ड कप में घातक गेंदबाजी से बल्लेबाजों को चित किया, जानिए संघर्ष से सफलता की कहानी

Kranti Gaud/Image Source: IBC24

Modified Date: November 3, 2025 / 12:06 am IST
Published Date: November 3, 2025 12:06 am IST
HIGHLIGHTS
  • छतरपुर की बेटी ने रचा इतिहास
  • क्रांति गौड़ ने महिला वर्ल्ड कप में धमाका किया
  • क्रांति गौड़ की संघर्ष और सफलता की कहानी

छतरपुर: Kranti Gaud:  महिला वर्ल्ड कप 2025 में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर इतिहास रच दिया। इस धमाकेदार जीत में भारतीय टीम की तेज गेंदबाज क्रांति गौड़ ने शानदार प्रदर्शन किया और सुर्खियों में आ गईं। 22 वर्षीय क्रांति गौड़ का जन्म और पालन-पोषण छतरपुर जिले के छोटे कस्बे घुवारा में हुआ। क्रांति के पिता एक रिटायर्ड पुलिस कांस्टेबल हैं। 6 भाई-बहनों में से एक क्रांति ने बचपन से ही संघर्षों का सामना किया लेकिन अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत के दम पर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया।

इस वर्ल्ड कप में क्रांति ने कई खतरनाक बल्लेबाजों को चित किया और अपनी टीम को अहम मौके पर जीत दिलाई। उनकी तेज गेंदबाजी और अनुशासन ने टीम इंडिया को मजबूती दी। क्रांति गौड़ का क्रिकेट करियर बेहद तेज़ी से विकसित हुआ। उन्होंने मध्य प्रदेश के सभी आयु वर्ग के टूर्नामेंटों में खेलते हुए अपने कौशल को साबित किया। पिछले सीजन में उन्होंने मध्य प्रदेश को नेशनल वुमेन चैंपियनशिप का खिताब दिलाया जिसमें फाइनल मैच बंगाल के खिलाफ था। इस मैच में क्रांति ने 4 अहम विकेट लिए जिनमें भारत की विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋचा घोष का विकेट भी शामिल था।

Kranti Gaud:  क्रांति गौड़ न केवल खेल के मैदान में बल्कि अपनी संघर्षपूर्ण जिंदगी के लिए भी चर्चा में हैं। क्रांति की पढ़ाई क्लास 8 के बाद ही रुक गई थी, क्योंकि उनके घर की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी। उस समय उनके पिता की नौकरी चली गई थी और परिवार पर मुश्किल समय था। लेकिन उनकी मां ने अपनी ज्वेलरी बेचकर क्रांति के क्रिकेट के सपने को जिंदा रखा। क्रांति के जीवन में बड़ा मोड़ तब आया जब उनके पिता उन्हें कोच राजीव बिल्थारे के पास लेकर गए। राजीव जो छतरपुर जिला क्रिकेट संघ के सचिव भी हैं, ने पहली ही नजर में क्रांति की गेंदबाजी की प्रतिभा देख कर कहा था कि इस लड़की में कुछ अलग बात है। कोच राजीव ने न केवल क्रांति की कोचिंग मुफ्त में कराई बल्कि उन्हें जूते, बैट और रहने की जगह भी उपलब्ध कराई। क्रांति गौड़ का सितारा महिला प्रीमियर लीग में चमका। उन्होंने कुछ समय तक मुंबई इंडियंस टीम के लिए नेट बॉलर के रूप में अभ्यास किया। उनकी प्रतिभा देखकर यूपी वारियर्स ने उन्हें 10 लाख रुपये के बेस प्राइस पर अपनी टीम में शामिल कर लिया।

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लेखक के बारे में

टिकेश वर्मा- जमीनी पत्रकारिता का भरोसेमंद चेहरा... टिकेश वर्मा यानी अनुभवी और समर्पित पत्रकार.. जिनके पास मीडिया इंडस्ट्री में 12 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव हैं। राजनीति, जनसरोकार और आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से सरकार से सवाल पूछता हूं। पेशेवर पत्रकारिता के अलावा फिल्में देखना, क्रिकेट खेलना और किताबें पढ़ना मुझे बेहद पसंद है। सादा जीवन, उच्च विचार के मानकों पर खरा उतरते हुए अब आपकी बात प्राथिकता के साथ रखेंगे.. क्योंकि सवाल आपका है।