मोटो जीपी ने अगले साल से भारत में रेस कराने की आधिकारिक घोषणा की

मोटो जीपी ने अगले साल से भारत में रेस कराने की आधिकारिक घोषणा की

मोटो जीपी ने अगले साल से भारत में रेस कराने की आधिकारिक घोषणा की
Modified Date: November 29, 2022 / 08:35 pm IST
Published Date: September 30, 2022 1:32 pm IST

नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) मोटो जीपी (दोपहिया रेसिंग के वैश्विक आयोजक ) ने  2023 सत्र से भारत में रेस कराने की शुक्रवार को पुष्टि की जिससे फॉर्मूला वन रेस के कैलेंडर से हटने के नौ साल बाद वैश्विक मोटरस्पोर्ट की देश में वापसी होगी।

  विश्व की प्रमुख दोपहिया रेसिंग चैंपियनशिप का आयोजन फॉर्मूला वन की तरह बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर होगा। इस सर्किट ने 2011 से 2013 तक फॉर्मूला वन की मेजबानी की है।

मोटो जीपी ने हालांकि अपने आधिकारिक बयान में  ‘ ग्रां प्री ऑफ भारत’ नाम की इस रेस के लिए किसी तारीख की घोषणा नहीं की है लेकिन ‘पीटीआई-भाषा’ को पता चला है कि इसका आयोजन सितंबर या अक्टूबर में होने की संभावना है।

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मोटो जीपी के वाणिज्यिक अधिकार धारक डोर्ना के शीर्ष अधिकारी इस महीने की शुरुआत में भारतीय रेस प्रमोटर्स फेयरस्ट्रीट स्पोर्ट्स (एफएसएस) के साथ सात साल के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए भारत आए थे।

उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ भी बैठक की थी।

एफएसएस ने घोषणा की थी कि मोटो जीपी के एक दौर को अगले साल यहां आयोजित किया जाएगा, लेकिन डोर्ना के प्रबंध निदेशक कार्लोस इजपेलेटा ने सत्र की व्यस्तता का हवाला देते हुए किसी समय सीमा का जिक्र नहीं किया था।  मोटो जीपी की ओर से शुक्रवार की घोषणा तस्वीर ने हालांकि इस तस्वीर को और अधिक स्पष्ट कर देती है।

इजपेलेटा  ने यहां जारी बयान में कहा, ‘‘ हमें यह घोषणा करते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट 2023 कैलेंडर में मोटो जीपी की मेजबानी करेगा। भारत में हमारे बहुत सारे प्रशंसक हैं और हम उनके लिए इस खेल को वहां लाने के लिए उत्साहित हैं।’’

इस विज्ञप्ति में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘ इस तरह के वैश्विक आयोजन की मेजबानी करना उत्तर प्रदेश के लिए बहुत गर्व की बात है। हमारी सरकार मोटो जीपी भारत को पूर्ण समर्थन प्रदान करेगी।’’

इस तरह के बडे़ आयोजन को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए सरकार से समर्थन की जरूरत है और ऐसा लग रहा है कि इस रेस को राज्य और केंद्र दोनों सरकारों का समर्थन हासिल है।

भाषा आनन्द पंत

पंत


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