उत्तर क्षेत्र चयनकर्ता: मिथुन मन्हास, कृष्ण मोहन प्रबल दावेदार
उत्तर क्षेत्र चयनकर्ता: मिथुन मन्हास, कृष्ण मोहन प्रबल दावेदार
(कुशान सरकार)
नयी दिल्ली, 19 जून (भाषा) दिल्ली के पूर्व कप्तान मिथुन मन्हास और जूनियर राष्ट्रीय चयन पैनल के सदस्य कृष्ण मोहन शर्मा उत्तर क्षेत्र के चयनकर्ता पद की दौड़ में सबसे आगे हैं। यह पद भारत के पूर्व तेज गेंदबाज सलील अंकोला द्वारा खाली किया जाएगा।
हरियाणा के पूर्व क्रिकेटर अजय रात्रा, पंजाब के पूर्व ऑलराउंडर रीतिंदर सिंह सोढ़ी और निखिल चोपड़ा भी इस प्रमुख पद के लिए दावेदार हैं। रात्रा का साक्षात्कार पहले हो चुका है।
अंकोला जूनियर चयन ढांचे का हिस्सा बन सकते हैं। उन्हें राष्ट्रीय चयनकर्ता का अपना पद खाली करना होगा क्योंकि सीनियर चयन पैनल में पश्चिम क्षेत्र और उसमें भी विशेष रूप से मुंबई से दो लोग हैं।
चयनकर्ताओं के अध्यक्ष अजीत अगरकर भी मुंबई से हैं और वह पैनल का नेतृत्व करेंगे इसलिए भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की परंपरा अंकोला को बाहर जाने के लिए मजबूर करेगी।
पता चला है कि अंकोला को बिना किसी गलती के बाहर जाना होगा इसलिए बीसीसीआई के अधिकारी उन्हें जूनियर चयन समिति का अध्यक्ष बनाने की योजना बना रहे हैं। जूनियर समिति में कोई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी नहीं है। कर्नाटक के पूर्व विकेटकीपर तिलक नायडू इसके अध्यक्ष हैं।
अंकोला ने 1989 से 1997 के बीच एक टेस्ट और 20 एकदिवसीय मैच खेले हैं इसलिए वह इस पद के लिए बेहतर विकल्प हो सकते हैं।
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ सूत्र ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया ‘‘दिल्ली से पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर निखिल चोपड़ा हैं जिनके बारे में माना जाता है कि उन्हें डीडीसीए (दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ) का मजबूत समर्थन हासिल है। अन्य उम्मीदवार दिल्ली के पूर्व कप्तान मिथुन मन्हास हैं जिन्हें जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ का भी समर्थन प्राप्त है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन पता चला है कि एक बहुत प्रभावशाली पूर्व पदाधिकारी चाहते थे कि पंजाब के पूर्व कप्तान कृष्ण मोहन आवेदन करें और उन्होंने उसी के अनुसार आवेदन किया। अब उन्हें यह पद मिलता है या नहीं, यह एक अलग मामला है लेकिन उन्हें आवेदन करने के लिए कहा गया था।’’
ऑलराउंडर कृष्ण मोहन ने 1987 से 1993 के बीच पंजाब के लिए 45 प्रथम श्रेणी मैच खेले। वह रणजी ट्रॉफी जीतने वाली पंजाब की टीम के सदस्य थे जिसमें नवजोत सिंह सिद्धू, विक्रम राठौर और गुरशरण सिंह भी शामिल थे।
अगर कृष्ण मोहन को चुना जाता है तो वह दो साल तक पद पर रह सकते हैं क्योंकि बीसीसीआई संविधान किसी ऐसे व्यक्ति को कुल मिलाकर पांच साल पद पर रहने की अनुमति देता है जो जूनियर और सीनियर दोनों चयन समिति में रहा हो।
सूत्र ने कहा, ‘‘मन्हास की इस काम में रुचि है और उन्हें बोर्ड में सही लोगों का समर्थन भी प्राप्त है। लेकिन आप कृष्ण मोहन को हल्के में नहीं ले सकते।’’
भाषा सुधीर नमिता
नमिता

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