ओलंपिक में भाग लेने वाले निशानेबाज परोक्ष रूप से खुद पर दबाव डालते हैं: रुद्रांक्ष
ओलंपिक में भाग लेने वाले निशानेबाज परोक्ष रूप से खुद पर दबाव डालते हैं: रुद्रांक्ष
(अजय मसंद)
नयी दिल्ली, सात मई (भाषा) भारत के शीर्ष राइफल निशानेबाज रुद्रांक्ष पाटिल का मानना है कि देश के निशानेबाजों को ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन करने से रोकने वाले मुख्य कारकों में से एक इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता से पूर्व उनका स्वयं पर परोक्ष रूप से बनाया दबाव है जो प्रतियोगिता के दौरान उनके धैर्य को भंग करता है।
पूर्व विश्व चैंपियन रुद्रांक्ष को लगता है कि वह ओलंपिक स्वर्ण जीतने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाने सहित कई सामूहिक कारकों के कारण पिछले साल ओलंपिक चयन ट्रायल के दौरान उनका प्रदर्शन खराब रहा जिससे पेरिस जाने की उनकी उम्मीदें खत्म हो गईं।
अभिनव बिंद्रा के एयर राइफल में ओलंपिक स्वर्ण जीतने के बाद भारत की सर्वश्रेष्ठ पदक उम्मीदों में से एक माने जाने वाले रुद्रांक्ष ने कहा कि बड़ी खेल प्रतियोगिता से पहले बनाई गई ‘हाइप’ खिलाड़ियों के प्रतियोगिता के दौरान अत्यधिक दबाव में आने का एक मुख्य कारण था।
रुद्रांक्ष ने पीटीआई से कहा, ‘‘यहां तक कि जब एशियाई खेलों की बात आती है तो मुझे लगता है कि यह कई खेल आयोजनों (विदाई समरोह) का एक साथ होना है। इसलिए माहौल पूरी तरह से अलग है (एशियाई और ओलंपिक खेलों के लिए) जो अचानक आप पर दबाव डालता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब हम विश्व कप के लिए जाते हैं तो कोई भी इस पर टिप्पणी नहीं करता है कि क्या होने वाला है। कोई भी कुछ नहीं कहता है इसलिए दबाव नहीं होता है। लेकिन जब हम (एशियाई और ओलंपिक) खेलों में जाते हैं तो बहुत सारे किट लॉन्च होते हैं और मीडिया से बहुत सारी बातचीत होती है और बहुत सी चीजें होती हैं जो मुझे लगता है कि परोक्ष रूप से दबाव बढ़ाती हैं।’’
विश्व चैंपियनशिप 2022 में एक किशोर निशानेबाज के रूप में स्वर्ण पदक जीतने वाले महाराष्ट्र के रुद्रांक्ष ने ओलंपिक के बाद विश्व कप में कई पदक जीते और उन्होंने कहा कि जो लोग मानसिक चुनौती से पार पाने में सफल रहते हैं वे पदक जीतने की बेहतर स्थिति में होते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘खिलाड़ी जब तक निशाना लगाने के लिए नहीं जाते तब तक वह इसे (दबाव का असर) महसूस नहीं करते। मुझे लगता है कि जो खिलाड़ी इसका प्रबंधन कर लेते हैं वे पदक जीतते हैं। मुझे लगता है कि खिलाडि़यों को दबाव का प्रबंधन करने में सक्षम होना चाहिए… कोई भी हमेशा उस बुलबुले में नहीं रह सकता।’’
हाल में ब्यूनस आयर्स में विश्व कप में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले रुद्रांक्ष ने कहा कि चयन ट्रायल से पहले फॉर्म में गिरावट के कई कारण थे।
रुद्रांक्ष ने कहा, ‘‘यह कई चीजों का संयोजन था। मैंने घरेलू स्तर पर उतनी प्रतिस्पर्धा नहीं की जितना मैंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर की इसलिए जब घरेलू स्तर पर (ओलंपिक) चयन (ट्रायल) की बात आई तो यह मेरे लिए बिल्कुल अलग अनुभव था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘(घरेलू स्तर पर) मैं बस इतनी ही निशानेबाजी कर रहा था कि (राष्ट्रीय) टीम में शामिल हो जाऊं।’’
रुद्रांक्ष ने कहा कि उनका लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना था।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने हमेशा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया और मुझे वहां पदक मिला जिससे मुझे अपनी (विश्व) रैंकिंग बनाए रखने में मदद मिली। लेकिन जब ओलंपिक चयन ट्रायल की बात आई (मुझे शून्य से शुरुआत करनी पड़ी) तो मैं तीसरे स्थान पर रहा और शीर्ष दो खिलाड़ियों का चयन पेरिस के लिए हुआ।’’
रुद्रांक्ष ने कहा कि पीछे मुड़कर देखने पर उन्हें ट्रायल पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए कुछ अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं को छोड़ देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि वह अपने अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर को अधिक सावधानी से तैयार करेंगे।
अगले ओलंपिक क्वालीफिकेशन चक्र को ध्यान में रखते हुए रुद्रांक्ष ने कहा कि उन्होंने उन क्षेत्रों का पता लगा लिया है जिन पर उन्हें काम करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे निश्चित रूप से 2028 लॉस एंजिलिस ओलंपिक चक्र में सुधार की बहुत गुंजाइश दिख रही है। मैं अपने सहयोगी स्टाफ के साथ एक बेहतर दिनचर्या बनाने के लिए काम कर रहा हूं जो मैं जो कुछ भी कर रहा हूं उसमें मेरी मदद कर सकती है। मुझे लगता है कि मेरे क्वालीफिकेशन स्कोर थोड़े बेहतर हो सकते हैं। कभी-कभी मुझे वहां थोड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है।’’
रुद्रांक्ष ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि यह कोई अलग तकनीक है जिसका मैं पालन करूंगा। यह वही तकनीक होगी लेकिन बात यह है कि मैं दबाव की स्थितियों में इसका कितना अच्छा पालन कर पाता हूं, यही महत्वपूर्ण है। मैं उन चीजों पर काम करना चाहूंगा और अपने एंड्यूरेंस पर भी थोड़ा और काम करना चाहूंगा।’’
इस राइफल निशानेबाज ने कहा कि उन्हें विश्व विजेता बनने के लिए अपनी दिनचर्या में थोड़ी और योजना बनाने की जरूरत है।
रुद्रांक्ष ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मेरे अंदर ओलंपिक जीतने की क्षमता है लेकिन मुझे बस एक अच्छी योजना की जरूरत है। मैं अपने उबरने के स्तर को कैसे प्रबंधित कर सकता हूं और ओलंपिक के लिए बेहतर तरीके से कैसे तैयार हो सकता हूं। मुझे लगता है कि मुझे व्यक्तिगत रूप से इसमें सुधार करने की जरूरत है।’’
भाषा सुधीर मोना
मोना

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