दूसरे वनडे में बड़ी हार के बावजूद हमारा तरीका नहीं बदलेगा: बल्लेबाजी कोच कोटक

दूसरे वनडे में बड़ी हार के बावजूद हमारा तरीका नहीं बदलेगा: बल्लेबाजी कोच कोटक

दूसरे वनडे में बड़ी हार के बावजूद हमारा तरीका नहीं बदलेगा: बल्लेबाजी कोच कोटक
Modified Date: December 20, 2023 / 01:02 pm IST
Published Date: December 20, 2023 1:02 pm IST

गक्बेरहा (दक्षिण अफ्रीका), 20 दिसंबर (भाषा) भारत के बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे मैच में आठ विकेट से करारी शिकस्त मिलने के बावजूद श्रृंखला के निर्णायक तीसरे वनडे में टीम के रवैये में कोई बदलाव नहीं आयेगा।

दक्षिण अफ्रीका ने मंगलवार को यहां दूसरे वनडे में भारत पर आठ विकेट की आसान जीत दर्ज करके तीन मैचों की श्रृंखला 1-1 से बराबर कर ली।

कोटक ने हालांकि साफ कर दिया कि अंतिम एकादश में ज्यादा बदलाव नहीं होंगे और इसका फैसला मैदान की परिस्थितियों के आधार पर तय किया जाएगा।

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कोटक ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमारा दृष्टिकोण बिल्कुल नहीं बदलेगा। मैं ज्यादा बदलावों के बारे में नहीं सोचूंगा, हम इस बारे में विकेट (पिच) देखकर कोई फैसला करेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ पिच कैसी भी हो हम जिस रवैये से खेलते हैं, उसमें ज्यादा बदलाव नहीं आएगा। बल्लेबाजों को विकेट के अनुसार खुद को ढालना होगा और गेंदबाजों को तालमेल बिठाना होगा।’’

कोटक ने कहा कि भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 35वें ओवर के बाद लय गंवा दी और 50-60 रन कम बनाये।

उन्होंने कहा, ‘‘जाहिर है इस पिच पर टॉस की भूमिका काफी अहम थी। मुझे लगता है कि 35वें ओवर में चार विकेट पर 165 रन बनाने के बाद आप 250-260 रन तक बना सकते है। यह स्कोर चुनौती देने के लिए काफी होगा।’’

टीम के ज्यादातर बल्लेबाजों के विफल होने के बाद भी कोटक ने कहा कि परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कप्तान लोकेश राहुल (56) और युवा सलामी बल्लेबाज साई सुदर्शन (62) की तारीफ की।

उन्होंने कहा, ‘‘ उन दोनों ने काफी अच्छी बल्लेबाजी की। साई अपना दूसरा एकदिवसीय ही खेल रहा था लेकिन उसने अच्छे से सामंजस्य बैठाया। लोकेश राहुल ने भी अच्छी बल्लेबाजी की। उन्होंने शुरू में समय लेने के बाद तेजी से रन बनाये।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ इन दोनों के विकेट जल्दी गिरने के बाद संजू (सैमसन) और रिंकू सिंह के सस्ते में आउट होने से टीम बड़ा स्कोर खड़ करने में विफल रही।’’

भाषा आनन्द मोना

मोना


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