सचिन यादव का नीरज को अपना आदर्श मानने से लेकर विश्व चैंपियनशिप में उन्हें पछाड़ने तक का सफर

सचिन यादव का नीरज को अपना आदर्श मानने से लेकर विश्व चैंपियनशिप में उन्हें पछाड़ने तक का सफर

सचिन यादव का नीरज को अपना आदर्श मानने से लेकर विश्व चैंपियनशिप में उन्हें पछाड़ने तक का सफर
Modified Date: September 18, 2025 / 11:13 pm IST
Published Date: September 18, 2025 11:13 pm IST

नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) लगभग 100 किलोग्राम वजनी और छह फुट पांच इंच लंबे, मजबूत कद-काठी वाले सचिन यादव ने अपनी पहली ही विश्व चैंपियनशिप में अपने आदर्श नीरज चोपड़ा सहित भाला फेंक के खेल के तीन सुपरस्टार को पछाड़कर वैश्विक पहचान हासिल की।

नीरज, पेरिस ओलंपिक चैंपियन अरशद नदीम और डाइमंड लीग ट्रॉफी विजेता जूलियन वेबर से आगे रहकर यादव ने बृहस्पतिवार को तोक्यो में इस प्रतियोगिता के फाइनल में वह कर दिखाया जो असंभव लग रहा था क्योंकि उत्तर प्रदेश के इस 25 वर्षीय खिलाड़ी के लिए चीजें अनजान थी।

बागपत के पास खेकड़ा गांव के एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले यादव ने 85.16 मीटर के अपने पिछले व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को बेहतर करते हुए पहले प्रयास में 86.27 मीटर की थ्रो के साथ चौथा स्थान हासिल किया।

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प्रतियोगिता से पूर्व स्वर्ण पदक के प्रबल दावेदार माने जा रहे वेबर 86.11 मीटर के प्रयास से पांचवें स्थान पर रहे जबकि गत चैंपियन नीरज ने आठवां स्थान हासिल किया। पाकिस्तान के नदीम 82.75 मीटर के साथ दसवें स्थान पर रहे।

यादव अमेरिका के कांस्य विजेता कर्टिस थॉम्पसन (86.67 मीटर) से 0.40 मीटर पीछे थे। लंदन ओलंपिक 2012 के चैंपियन त्रिनिदाद एवं टोबैगो के केशोर्न वालकॉट ने 88.16 मीटर के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स ने 87.38 मीटर के साथ रजत पदक जीता।

यादव ने अपने शुरुआती वर्षों में एक योग्य कोच के बिना अभ्यास किया। उन्हें भाला फेंक से उनके पड़ोसी संदीप यादव ने परिचित कराया जिन्होंने इस लंबे कद के युवा को मनोरंजन के लिए क्रिकेट खेलते देखा था।

अपने गांव में एक दोस्ताना क्रिकेट मैच के दौरान संदीप ने यादव को अच्छी गति से गेंदबाजी करते देखा।

यादव ने पहले कहा था, ‘‘यह पांच या दस ओवरों का एक मजेदार मैच था जो आमतौर पर गांव के मैदानों पर युवा खेलते हैं। संदीप भाई ने मुझे देखा और कहा कि मेरे कंधे की गति अच्छी है और मैं तेज गेंद फेंक रहा हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे भाला फेंकने की सलाह दी। बाद में उन्होंने मुझे नयी दिल्ली में (जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम के राष्ट्रीय भाला फेंक अकादमी में) जाने-माने भाला फेंक कोच नवल सिंह से प्रशिक्षण लेने की सलाह दी। इस तरह मैंने शुरुआत की।’

यह तब की बात है जब यादव लगभग 19 साल के थे।

शुरुआत में यादव के पास कोई उचित कोच नहीं था और कम सफल भाला फेंक खिलाड़ी संदीप ही उनका मार्गदर्शन कर रहे थे।

जिला और राज्य स्तर पर कुछ प्रतियोगिताओं के बाद यादव ने पहली बार 2000 में अंतर-विश्वविद्यालय प्रतियोगिता के दौरान एक राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लिया और फाइनल में 66.09 मीटर के थ्रो के साथ सातवें स्थान पर रहे।

वह 2021 तक 70 मीटर की दूरी नहीं छू पाए लेकिन उसी साल उन्हें कोहनी में चोट लग गई जिसके लिए सर्जरी करानी पड़ी। उनके पिता को उनके इलाज के लिए कर्ज लेना पड़ा।

चोट से उबरने के बाद यादव का प्रदर्शन बेहतर हुआ। मई 2023 में रांची में हुए फेडरेशन कप के दौरान उन्होंने प्रतिष्ठित 80 मीटर का आंकड़ा पार कर लिया। वह 80.27 मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहे लेकिन उससे भी बढ़कर, 80 मीटर क्लब में शामिल होने से अधिकारियों और कोचों का ध्यान उनकी ओर गया।

संदीप ने ही जाने-माने कोच नवल सिंह को यादव को अपने मार्गदर्शन में लेने के लिए राजी किया था। संदीप ने नवल के अधीन प्रशिक्षण लिया था जिन्होंने ओलंपियन शिवपाल सिंह और पैरालंपिक स्वर्ण विजेता सुमित अंतिल और नवदीप सिंह जैसे खिलाड़ियों को कोचिंग दी है।

भाषा सुधीर

सुधीर


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