मुंबई, तीन जून ( भाषा ) महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने बताया है कि आस्ट्रेलिया के 2011 . 12 के दौरे पर वह पैर के अंगूठे की चोट के साथ खेले थे जिसके दर्द ने उन्हें काफी परेशान किया था ।
तेंदुलकर के पैर के अंगूठे में वर्ष 2000 में चोट लगी थी जो अगले साल फिर उभर गई जिसकी वजह से वह श्रीलंका और न्यूजीलैंड के खिलाफ त्रिकोणीय श्रृंखला नहीं खेल सके थे ।
भारत ने अप्रैल 2011 में 50 ओवरों का विश्व कप जीता था लेकिन टेस्ट टीम इसी साल इंग्लैंड से 0 . 4 से हार गई थी ।
तेंदुलकर ने अपनी मराठी किताब ‘शतकांत एकच’ के विमोचन के मौके पर कहा ,‘‘ वर्ष 2000 में दक्षिण अफ्रीका में मुझे अंगूठे में चोट लगी थी जिसके बाद मैने इंजेक्शन भी लिये । यह चोट 2011 विश्व कप के बाद उभर गई । अभी तक मुझे नहीं पता कि यह कैसे हुआ ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ मैं छुट्टी पर लंदन में था और वहीं से भारतीय टीम से जुड़ने जा रहा था ।’’
तेंदुलकर ने मराठी में कहा कि उन्हें इतना दर्द हो रहा था कि वह सहन नहीं कर पा रहे थे और स्थानीय डॉक्टरों ने उन्हें सर्जरी कराने के लिये कहा ।
उन्होंने कहा ,‘‘ आस्ट्रेलिया में दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा था । मैने पट्टी बांधी, दो बार इनसोल बदले और किसी तरह खेल रहा था । मेरी हताशा बढती जा रही थी । आस्ट्रेलिया में मैदान काफी कड़े हैं जिससे परेशानी और बढ गई । डॉक्टरों ने कहा कि आपरेशन कराना होगा ।’’
तेंदुलकर ने कहा कि उनकी पत्नी अंजलि 48 घंटे के भीतर भारत से आस्ट्रेलिया पहुंची और सही फैसला लेने में मदद की । उन्होंने कहा ,‘‘ मुझे दौड़ना पड़ता था तो मेरा दर्द बढता जा रहा था । मैने डॉक्टर से बात की जिन्होंने सर्जरी का सुझाव दिया और मेरा दूसरा पैर भी दर्द कर रहा था । मैने अंजलि को बताया और कहा कि यह दर्द और सहन नहीं हो रहा और सर्जरी करा लेते हैं ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ मैने कहा कि मैं टीम को बता रहा हूं कि मैं खेल नहीं सकता । मुझे दर्द हो रहा है और बहुत मुश्किल हो रही है । यह सुनकर अंजलि 48 घंटे के भीतर ब्रिसबेन आ गई और मुझे सर्जरी कराने से रोका ।’’
इस मौके पर पूर्व क्रिकेटर किरन मोरे, जहीर खान, प्रवीण आम्रे और पूर्व कोच अंशुमान गायकवाड़ ने भी तेंदुलकर के साथ अपनी यादें साझा की ।
भाषा
मोना नमिता
नमिता
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