टेटे खिलाड़ी अमलराज कोविड-19 से उबरे, अभ्यास शिविर में अभी नहीं लेंगे भाग

टेटे खिलाड़ी अमलराज कोविड-19 से उबरे, अभ्यास शिविर में अभी नहीं लेंगे भाग

टेटे खिलाड़ी अमलराज कोविड-19 से उबरे, अभ्यास शिविर में अभी नहीं लेंगे भाग
Modified Date: November 29, 2022 / 08:12 pm IST
Published Date: November 5, 2020 9:25 am IST

नयी दिल्ली, पांच नवंबर (भाषा) एशियाई खेलों में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे अनुभवी टेबल टेनिस (टेटे) खिलाड़ी एंथॉनी अमलराज कोविड-19 बीमारी से उबरने के बाद एहतियात के तौर पर सोनीपत में चल रहे राष्ट्रीय शिविर में टीम के साथी खिलाड़ियों से नहीं जुड़ेंगे।

दो बार के राष्ट्रीय चैंपियन अमलराज पिछले महीने इस खतरनाक वायरस की चपेट में आने के बाद चेन्नई के अस्पताल में इलाज के दौरान काफी डर गये थे। उनके माता-पिता भी इस महामारी के चपेट में आ गये थे जिसके कारण उनका डर और बढ़ गया था।

ये सभी हालांकि अब इससे उबर गये है और अमलराज को 25 अक्टूबर को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी थी।

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चौतीस साल के अमलराज ने चेन्नई से पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ अभ्यास इंतजार कर सकता है। जब मैं अस्पताल में था तो यह मेरे जीवन का सबसे बुरा सप्ताह था। मेरी और मेरे माता-पिता की किस्मत अच्छी थी कि हम वायरस से ठीक हो गए। हम सभी जानते हैं कि यह कितना घातक हो सकता है। ईश्वर का आभारी हूं कि हम सब अब ठीक हैं।’’

अमलराज की योजना कम से कम एक और महीना घर पर रहने की है और उन्होंने अभी अभ्यास शुरू करने करे में सोचा नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे सीने में संक्रमण था, इसलिए डॉक्टर ने मुझे कुछ और दो सप्ताह आराम करने की सलाह दी है। मैं कोई जोखिम नहीं लेना चाहता। जब मैं शत प्रतिशत अच्छा महसूस करूंगा तभी फिर से खेल में वापसी के बारे में सोचूंगा।’’

कोरोना वायरस के कारण छह महीने तक खेल से दूर रहने के बाद शरत कमल की अगुवाई में शीर्ष टेबल टेनिस खिलाड़ी सोनीपत में 42 दिनों तक चलने वाले शिविर में भाग ले रहे हैं।

यूरोप के क्लबों के साथ प्रतिबद्धता वाले जी सथियान और हरमीत देसाई जैसे अन्य प्रमुख खिलाड़ी अभी शिविर में शामिल नहीं हुए हैं।

पिछले सप्ताह टेबल टेनिस जगत को उस वक्त सदमा लगा था जब भारतीय टेबल टेनिस महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एस.एम. सुल्तान का कोविड-19 के कारण निधन हो गया । उनकी मां और पत्नी की मृत्यु इस बीमारी की चपेट में आने के बाद हो गयी थी।

भाषा आनन्द मोना

मोना


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