चेन्नई, 29 जनवरी (भाषा) इंग्लैंड के बल्लेबाजी कोच ग्राहम थोर्प ने शुक्रवार को कहा कि अपने 100वें टेस्ट मैच की दहलीज पर खड़े कप्तान जो रूट को इतने लंबे करियर की उतार-चढ़ावों के दौरान उनकी हास्य की भावना ने बहुत मदद पहुंचायी।
तीस वर्षीय रूट 2012 में नागपुर में भारत के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और वह इसी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ पांच फरवरी को चेन्नई में अपने 100वें टेस्ट मैच में उतरेंगे।
थोर्प से जब रूट की इस उपलब्धि के बारे में पूछा गया तो बायें हाथ के इस पूर्व बल्लेबाज ने दिलचस्प जवाब दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘जब आप इसकी लंबी अवधि पर गौर करते हो तो वह वास्तव में बड़ी उपलब्धि है। मुझे लगता है कि इतनी अधिक क्रिकेट खेलने के लिये हास्य की अच्छी भावना की भी जरूरत होती है। ’’
थोर्प ने वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘क्योंकि आपको इस दौरान कई अच्छे दौर से गुजरना होता है लेकिन कभी खराब दौर भी आते हैं और तब आपको अपना जज्बा और दृढ़ता दिखानी होती है।’’
थोर्प यार्कशर क्रिकेट के दिनों से ही रूट को खेलते हुए देख रहे हैं और उनकी प्रगति से वाकिफ हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं भाग्यशाली हूं कि मैंने जो (रूट) के यार्कशर के साथ कुछ शुरुआती मैच देखे हैं। उसके पास जज्बा और आगे बढ़ने का संकल्प था। इसके बाद वह लायन्स (ए टीम) की तरफ से खेला और वह अपने खेल के प्रति बेहद संजीदा था।’’
भाषा पंत सुधीर
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