प्रदेश में 250 दर्जा प्राप्त मंत्री, कांग्रेस उठा रही सवाल

प्रदेश में 250 दर्जा प्राप्त मंत्री, कांग्रेस उठा रही सवाल

प्रदेश में 250 दर्जा प्राप्त मंत्री, कांग्रेस उठा रही सवाल
Modified Date: November 29, 2022 / 08:34 pm IST
Published Date: June 28, 2017 4:08 pm IST

 

देश में भले लाल और पीली बत्ती पर प्रतिबंध लग गया हो लेकिन मध्यप्रदेश में टप्च् कल्चर दूसरे स्वरूप में कायम है…। प्रदेश में तकरीबन 250 लोगों को कैबिनेट या राज्यमंत्री का दर्जा हासिल है…जो शिवराज कैबिनेट के कुल मंत्रियों से दस गुना ज्यादा हैं…। ये वो लोग हैं जो भले मंत्री नहीं हैं…लेकिन मंत्रीजी का रूतबा रखते हैं….। 

केबिनेट और राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त इन नेताओं को मिलने वाली सुविधा पर नजर डालें तो इन्हें पच्चीस हजार से एक लाख रूपए प्रतिमाह का भत्ता मिलता है…। इन्हें एक कार और प्रतिमाह न्यूनतम सौ लीटर डीजल मिलताहै…। मंत्री का दर्जा प्राप्त इन लोगों को राजधानी में आवास और कार्यालय या उसका किराया भी सरकार देती है…। स्टाफ के तौर पर एक प्यून, एक क्लर्क, एक निजी सहायक तैनात रहता है…। इसके अलावा इन्हें सरकारी गेस्ट हाउस में रूकने की सुविधा, टोल प्लाजा पर छूट, दौरों में मिलने वाला प्रोटोकाल भी मिलता है…। लेकिन इस सबके बावजूद सरकार इसे वीआईपी कल्चर नहीं मानती..और इसके पीछे सरकार की अपनी दलील है…। कुल मिलाकर एक बात तो तय है कि मंत्री की कुर्सी पाने के लिए टिकट हासिल करने से चुनाव जीतने तक लंबी मशक्कत करनी पड़ती है…लेकिन मंत्री पद के दर्जे की रेवड़ी आलाकमान की कृपा से हासिल हो जाती है….। 

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