1300 से ज्यादा लोगों की लाश का अंतिम संस्कार करने वाले ‘कोरोना योद्धा’ की मौत, समय पर नहीं मिली मदद

1300 से ज्यादा लोगों की लाश का अंतिम संस्कार करने वाले 'कोरोना योद्धा' की मौत, समय पर नहीं मिली मदद

1300 से ज्यादा लोगों की लाश का अंतिम संस्कार करने वाले ‘कोरोना योद्धा’ की मौत, समय पर नहीं मिली मदद
Modified Date: November 29, 2022 / 08:57 pm IST
Published Date: June 5, 2021 11:58 am IST

नागपुर: कोरोना वायरस संक्रमण से जान गंवाने वाले 1300 से ज्यादा लोगों के शवों के अंतिम संस्कार में मदद करने वाले 67 वर्षीय सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी की कोविड-19 से मौत हो गयी। उनके सहयोगी ने कहा कि ‘कोरोना योद्धा’ को समय पर इलाज में मदद नहीं मिल पायी। केंद्र सरकार के सेवानिवृत्त कर्मचारी चंदन निमजे की 26 मई को मौत हो गयी।

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निमजे ने ‘किंग कोबरा आर्गेनाइजेशन यूथ फोर्स’ के सदस्यों के साथ मिलकर महामारी शुरू होने के बाद से संक्रमण से जान गंवाने वाले 1300 से ज्यादा लोगों के शवों का अंतिम संस्कार कराया। नागपुर के महापौर ने हाल में निमजे को ‘कोरोना योद्धा’ बताते हुए उन्हें सम्मानित किया था। समूह के संस्थापक अरविंद रतूड़ी ने शनिवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि निमजे, उनकी पत्नी, बहन और दो बेटे दो मई को संक्रमित हो गए थे।

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निमजे को एक अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां एक लाख रुपये नकद जमा कराने को कहा गया और कार्ड से रकम लेने से मना कर दिया। रतूड़ी ने बताया कि निमजे को घर ले आया गया और पांच मई को दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि नागपुर नगर निगम के अधिकारियों ने कॉल का जवाब नहीं दिया।

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रतूड़ी ने बताया कि छह मई को परिवार के दूसरे सदस्यों को भी एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। निमजे की हालत बिगड़ने पर अस्पताल ने उनसे टोसिलिजुमैब दवा का इंतजाम करने को कहा। रतूड़ी ने कहा कि संगठन और इसके काम से वाकिफ दिल्ली के एक व्यक्ति ने बिना पैसे लिए दवा की चार शीशियां भेज दी।

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उन्होंने बताया कि सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 26 मई को निमजे के लिए उन्होंने एक बेड का इंतजाम किया लेकिन वहां स्थानांतरित किए जाने के पहले ही उनकी मौत हो गयी। रतूड़ी ने बताया कि अगर निमजे को सही समय पर इलाज मिला होता तो उनकी जान बच जाती लेकिन मकान को सील करने के अलावा निगम अधिकारियों ने परिवार की किसी तरह की मदद नहीं की। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार, एनएमसी और जिला प्रशासन द्वारा दिखायी गयी लापरवाही के लिए मैं बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ में एक याचिका दाखिल करूंगा।’’

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लेखक के बारे में

"दीपक दिल्लीवार, एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में करीब 10 साल का एक्सपीरिएंस है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक ऑनलाइन समाचार वेबसाइट से की थी, जहां उन्होंने राजनीति, खेल, ऑटो, मनोरंजन टेक और बिजनेस समेत कई सेक्शन में काम किया। इन्हें राजनीति, खेल, मनोरंजगन, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और बिजनेस से जुड़ी काफी न्यूज लिखना, पढ़ना काफी पसंद है। इन्होंने इन सभी सेक्शन को बड़े पैमाने पर कवर किया है और पाठकों लिए बेहद शानदार रिपोर्ट पेश की है। दीपक दिल्लीवार, पिछले 5 साल से IBC24 न्यूज पोर्टल पर लीडर के तौर पर काम कर रहे हैं। इन्हें अपनी डेडिकेशन और अलर्टनेस के लिए जाना जाता है। इसी की वजह से वो पाठकों के लिए विश्वसनीय जानकारी के सोर्स बने हुए हैं। वो, निष्पक्ष, एनालिसिस बेस्ड और मजेदार समीक्षा देते हैं, जिससे इनकी फॉलोवर की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। काम के इतर बात करें, तो दीपक दिल्लीवार को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है। वो हेल्दी वर्क लाइफ बैलेंस करने में यकीन रखते हैं।"