मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई के बाद अब व्यापारियों का विरोध, प्रशासन पर लगाया ये आरोप

मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई के बाद अब व्यापारियों का विरोध, प्रशासन पर लगाया ये आरोप

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  • Publish Date - August 14, 2019 / 07:16 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:59 PM IST

इंदौर। मध्यप्रदेश में मिलावटखोरों के खिलाफ चल रही कार्रवाई को लेकर अब व्यापारियों का विरोध भी शुरू हो गया है। खासतौर पर मावा व्यापारियों का आरोप है, कि मावे में फेट की कमी को भी मिलावट माना जा रहा है, और झूठी सूचना के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन निर्दोष को परेशान न किया जाए। हलांकि शिकायतों के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने भी नरमी बरतते हुए, संभलकर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

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बता दे कि प्रदेशभर में मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है। कई जिलों में अमानक और दूषित खाद्य पदार्थ मिलने के बाद रासुका तक की कार्रवाई की गई है। लेकिन अब जिला प्रशासन की सख्ती का विरोध भी होने लगा है। व्यापारियों का आरोप है, कि दूध और मावे का फैट कम होने पर भी कार्रवाई की जा रही है। खाद्य अधिकारी केवल सैंपल लेकर जाते हैं, और जांच रिपोर्ट आने के पहले ही जनता के बीच उसे अमानक बात दिया जाता है। इससे व्यापारियों की छवि खराब हो रही है।

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वहीं,व्यापार में भी नुकसान हो रहा है। खासतौर पर मावा व्यापारियों का ज्यादा विरोध है। क्योंकि वो पिछले कई सालों से उज्जैन और रतलाम से मावा मंगवा रहे है। इंदौर में रोजाना करीब तीन हजार किलो मावे की खपत होती है। इस खपत का 80 फिसदी मावा उज्जैन, रतलाम, उन्हेल और महिदपुर से ही आता है। लेकिन किसी भी सूचना के आधार पर मावा जब्त करके उसे अमानक बताया जा रहा है।

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व्यापारियों का कहना है कि कोई दोषी व्यापारी है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए लेकिन बिना जांच के ही उसे दोषी ठहराना गलत है। लिहाजा व्यापारियों के विरोध और शिकायतों के बाद अब स्वास्थ्य मंत्री ने भी अधिकारियों को निर्देश दिए है, दोषियों पर कार्रवाई की जाए लेकिन निर्दोष व्यापारियों पर कोई कार्रवाई नहीं चाहिए।

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