रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के विशेष सचिव रहे अमन सिंह ने अपने खिलाफ जारी SIT की जांच को बिलासपुर हाईकोर्ट में चुनौती दी है। जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद नोटिस जारी कर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। सूत्रों के अनुसार अमन सिंह ने अपनी याचिका में कहा है कि इस मामले में सरकार पहले ही उनको NOC दे चुकी है।
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उसकी फिर से जांच कराने का कोई औचित्य नहीं है, इसलिए राज्य सरकार के SIT जांच कराने के दिए गए आदेश को निरस्त किया जाए। अमन सिंह ने हाईकोर्ट से अंतरिम राहत की भी मांग की है। प्रकरण की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए बिलासपुर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी।
ये था पूरा मामला-
दिल्ली में रहने वाली विजया मिश्रा ने आरटीआई से मिली जानकारी के आधार पर प्रदेश के पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह के खिलाफ पीएमओ में शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया था आरईएस से वीआरएस लेने के बाद सिंह को छत्तीसगढ़ में संविदा पर नियुक्ति दी गई थी, इस दौरान उन्होंने अपने खिलाफ पूर्व में दर्ज प्रकरण की जानकारी छिपाई थी, जबकि 2001-02 में बैंगलुरू में पदस्थ रहने के दौरान उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले की जांच की गई थी।
सिंह के खिलाफ चार्जशीट भी प्रस्तुत किया गया था। विजया पीएमओ ने इसे छत्तीसगढ़ सरकार को भेज दिया था। पीएमओ से मिले पत्र के आधार पर राज्य सरकार ने जांच क लिए एसआईटी का गठन किया है। मामले पर जस्टिस प्रशांत मिश्रा की बेंच में सुनवाई हुई। इस दौरान अमन सिंह की तरफ से पैरवी करते हुए पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह और पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता किशोर भादुड़ी ने कहा कि पूर्व में जांच हो चुकी है, जिसमें आरोपों को निराधार पाया गया था। ऐसे में एसआईटी का गठन अनुचित है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा कॉमन कॉस विरुद्ध केंद्र शासन के मामले में दिए फैसले का हवाला देते हुए कहा गया कि मामले पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।