आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने एसईसी मामले पर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने एसईसी मामले पर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने एसईसी मामले पर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई
Modified Date: November 29, 2022 / 08:15 pm IST
Published Date: November 4, 2020 12:58 pm IST

अमरावती (आंध्र प्रदेश), चार नवंबर (भाषा) आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) मामले में राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई।

अदालत ने कहा कि राज्य सरकार ने एसईसी के प्रति ‘शत्रुतापूर्ण रवैया’ अपना लिया है। अदालत ने टिप्पणी की कि राज्य सरकार द्वारा पूर्व में उठाए गए कदम मनमाना, पद, अधिकार और कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग और संविधान के अनुच्छेद-243 के का घोर उल्लंघन है।

न्यायमूर्ति बी देवानंद ने मंगलवार को एसईसी की रिट याचिका पर अंतरिम आदेश पारित किया। आयोग ने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया था कि वह राज्य सरकार को उसके कर्तव्यों के निर्वहन करने और स्थानीय निकाय के चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कराने में सहयोग करने का निर्देश दे।

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न्यायमूर्ति देवानंद ने कहा, ‘‘राज्य सरकार इस तथ्य को नहीं पचा पा रही है कि निम्मागड्डा रमेश कुमार (राज्य निर्वाचन आयुक्त के तौर पर) पुनर्नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने (राज्य) उनके साथ सहयोग नहीं करने का रास्ता चुना है जो राज्य की दयनीय स्थिति का संकेत है।’’

अदालत ने कहा, ‘‘राज्य सरकार को अहसास होना चाहिए कि सरकारें आएंगी और चली जाएंगी, लेकिन संवैधानिक संस्थाए स्थायी हैं और उनकी रक्षा करने की जरूरत है, अन्यथा देश के लोकतंत्र को इसके दुष्प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है।’’

राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी याचिका में रेखांकित किया था कि राज्य सरकार सहयोग करने और बजट आवंटित करने के साथ उसके कार्यों को सुचारु रखने और निष्पक्ष चुनाव के लिए कोष मुहैया कराने में असफल रही है जिसकी वजह से आयोग की स्वतंत्रता प्रभावित हो रही है।

अदालत ने कहा, ‘‘अभूतपूर्व और निर्लज्ज कार्रवाई के तहत बेबुनियाद तथ्यों के आधार पर आयोग और उसके सहायक सचिव के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया गया और आयोग पर छापेमारी कर दस्तावेज जब्त कर लिए गए।’’

अदालत ने रेखांकित किया कि उच्च न्यायालय ने इस मामले में आगे किसी भी कार्रवाई पर रोक लगा दी है।

अदालत ने कहा कि आयोग में संयुक्त सचिव, विधि सलाहकार, निजी सचिव और सिस्टम विश्लेषक के पद खाली हैं और यह चिंता का विषय है। इन पदों को भरने के लिए राज्य सरकार के सहयोग की जरूरत है।

भाषा धीरज आशीष

आशीष


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