सीेएम बघेल की पहल, जम्मू-कश्मीर सहित अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के करीब 2 हजार मजदूरों के अन्य राज्यों में ठहरने और भोजन की व्यवस्था

सीेएम बघेल की पहल, जम्मू-कश्मीर सहित अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के करीब 2 हजार मजदूरों के अन्य राज्यों में ठहरने और भोजन की व्यवस्था

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  • Publish Date - March 31, 2020 / 10:40 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:39 PM IST

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर जम्मू-कश्मीर सहित देश के विभिन्न राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के लगभग दो हजार मजदूरों के ठहरने-भोजन सहित अन्य आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। लाॅकडाउन के कारण जम्मू-कश्मीर में छत्तीसगढ़ के एक हजार मजदूर फंसे होने की सूचना सुबह प्राप्त हुई। जिस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तत्काल श्रम विभाग के सचिव सोनमणि बोरा को इन मजदूरों के लिए आवश्यक व्यवस्था के लिए निर्देशित किया।

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बोरा ने जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बी.व्ही.आर. सुब्रमण्यम से बात की और छत्तीसगढ़ के इन श्रमिकों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था का अनुरोध किया। जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा छत्तीसगढ़ के फंसे इन एक हजार श्रमिकों के ठहरने-भोजन सहित अन्य आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कर दी गई है। जम्मू कश्मीर में फंसे छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के लगभग 500 से 6000 श्रमिक, बलौदा बाजार और रायगढ़ जिले के करीब ढाई-ढाई सौ और बिलासपुर के 50 से 60 मजदूर शामिल हैं।

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मुख्यमंत्री की पहल पर श्रम विभाग के अधिकारियों द्वारा अन्य प्रदेशों के नोडल अधिकारियों से चर्चा कर छत्तीसगढ़ से उनके राज्यों में रोजी- रोटी के लिए ले जाने वाले ठेकेदारो, संस्थानों से संपर्क कर करीब 746 श्रमिको की पहचान की गई है। सभी श्रमिक सुरक्षित है। इनमें बेमेतरा के 100 श्रमिक महाराष्ट्र और 32 श्रमिक कानपुर में कार्यरत हैं। इसी प्रकार राजनांदगांव के 22 श्रमिक हैदराबाद में, कबीरधाम के 200 श्रमिक बेंगलुरु में तथा 100 श्रमिक लखनऊ में कार्यरत हैं। रायपुर के 100 श्रमिक पुणे, महाराष्ट्र में, मुंगेली के 49 श्रमिक हैदराबाद और 70 श्रमिक पुणे, महाराष्ट्र में कार्यरत हैं। बिलासपुर के 50 श्रमिक तेलंगानामें, महासमुंद के 10 श्रमिक उड़ीसा में सीतापुर (अंबिकापुर) के 13 श्रमिक मसूरी, उत्तराखंड में श्रमिक कार्यरत हैं।

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छत्तीसगढ़ के श्रम विभाग द्वारा दूसरे राज्यों में गए श्रमिकों के भोजन, रहने आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए लखनऊ के अधिकारियों से चर्चा कर 100 श्रमिकों के लिए भोजन एवं रहने की व्यवस्था करा दी गई हैं। इसी प्रकार नगरनार , जगदलपुर में कार्यरत 50 श्रमिकों के लिए ठेकेदारों से बात कर उनके लिए 1 क्विंटल चावल, 50 किलो दाल और 20 किलो सब्जी की व्यवस्था की गई हैं। पुणे में फंसे 100 श्रमिकों को भोजन रहने आदि के लिए भिलाई के पुणे में रहने वाले समित शर्मा द्वारा जिम्मेदारी ली गई हैं।

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जिसका प्रतिदिन का खर्च 15 हजार रुपये अनुमानित है। इसके अतिरिक्त देवगढ़ एयरपोर्ट में कार्यरत 35 श्रमिक, सोनाडीह सीमेंट प्लांट में कार्यरत 140 श्रमिक, उत्तर प्रदेश में कार्यरत 3 श्रमिक, झारखंड में कार्यरत 60 श्रमिक और गुजरात में कार्यरत 97 श्रमिकों के लिए भी ठहरने, भोजन आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की गई हैं । साथ ही जिला कलेक्टर राजनांदगांव द्वारा कर्नाटक के नोडल अधिकारी , जिला कलेक्टर कबीरधाम द्वारा कलेक्टर तेलंगाना, लखनऊ तथा जिला कलेक्टर गरियाबंद द्वारा कलेक्टर बेंगलुरु को पत्र लिखकर श्रमिकों की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु जानकारी भी भेजी गई है। उल्लेखनीय है कि अधिकारियों द्वारा विभिन्न जिलों के नोडल अधिकारियों से सतत समन्वय बनाकर छत्तीसगढ़ के श्रमिकों के सभी जरूरी व्यवस्था के संबंध में जानकारी आदान-प्रदान किया जा रहा है।