गांवों में तीसरे इंजन की सरकार बनाने का भाजपा का सपना हुआ चकनाचूर : अखिलेश

गांवों में तीसरे इंजन की सरकार बनाने का भाजपा का सपना हुआ चकनाचूर : अखिलेश

गांवों में तीसरे इंजन की सरकार बनाने का भाजपा का सपना हुआ चकनाचूर : अखिलेश
Modified Date: November 29, 2022 / 08:32 pm IST
Published Date: May 4, 2021 11:21 am IST

लखनऊ, चार मई (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में हुए पंचायत चुनाव नतीजों को आगामी विधानसभा चुनाव को भाजपा की नाव डूबने के स्पष्ट संकेत करार देते हुए मंगलवार को कहा कि गांवों में ‘तीसरे इंजन’ की सरकार बनाने का भाजपा का सपना चकनाचूर हो गया है।

अखिलेश ने यहां एक बयान में कहा कि पंचायत चुनाव में सपा मतदाताओं की प्रथम वरीयता वाली पार्टी रही है और बड़ी तादात में सपा की जीत के साफ संकेत हैं कि किसानो, नौजवानो और गांव तक में उसकी स्वीकार्यता बरकरार है। उन्होंने कहा कि जनता ने पार्टी को जीत दिलाकर लोकतंत्र को बचाने का भी सराहनीय कार्य किया है।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पंचायती चुनावों के नतीजों से जो संदेश मिल रहा है वह वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भी दिशा सूचक साबित होगी। उत्तर प्रदेश में भाजपा राज का सफाया निश्चित है। पंचायत चुनावों के नतीजों ने भाजपा की नाव डूबने के स्पष्ट संकेत दे दिए हैं।

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उन्होंने आरोप लगाया, ‘भाजपा झूठे वादे करने के अपने स्वभाव के अनुसार पंचायत चुनावों में भी बाज नहीं आ रही है। यह हकीकत है कि गाँवों में अपनी ही तीसरे इंजन वाली सरकार बनाने का उसका सपना बुरी तरह चकनाचूर हुआ है। उसे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के गृह जनपदों में भी मुंह की खानी पड़ी है।’

अखिलेश ने कहा, ‘वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज के अलावा आजमगढ़ से लेकर इटावा तक भाजपा की कोई चाल काम नहीं आई और तो और राज्य की राजधानी लखनऊ में भी जनता ने भाजपा को नकार दिया है।’

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत चुनावों में सत्ता के दुरुपयोग और वोटों की हेराफेरी के बावजूद भाजपा को हार मिली है। उन्होंने कहा कि मंत्रियों, सांसदों, विधायकों तक को पूरे राज्य में तैनात कर भाजपा ने जीत की साजिशें रची थी पर जनता ने उसकी धौंस में नहीं आई, उसने भाजपा को करारा जवाब दिया है।

उन्होंने कहा कि भाजपा की नफरत और समाज को बांटने वाली रणनीति पश्चिम बंगाल के चुनावों में बुरी तरह पिटी है।

भाषा सलीम रंजन

रंजन


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